NEWSPR डेस्क। सीआईएमपी पटना में शनिवार को पुलिस महानिदेशक एस.के. सिंघल ने परिवीक्षाधीन डीएसपी (63वें बैच) और जिला कमांडेंट (60वें-62वें बैच) के लिए 16 दिनों के प्रबंधन प्रशिक्षण का उद्घाटन किया इस दौरान ब्रिघू श्रीनिवासन, एजीडी-सह-निदेशक, बिहार पुलिस अकादमी राजगीर विशिष्ट अतिथि थे। वहीं उन्होंने अपने संबोधन में परिवीक्षार्थियों को पुलिस विभाग का “राजदूत” कहा और उनसे ‘जिम्मेदारी से’ व्यवहार करने और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए आग्रह किया। इसके साथ ही अच्छे संकाय सदस्यों के पूल और यहां समृद्ध पुस्तकालय का लाभ उठाने के लिए भी कहा।
गणित में स्वर्ण पदक विजेता और एमडीआई गुड़गांव के प्रबंधन पेशेवर एस.के. सिंघल ने अपने उद्घाटन भाषण में कैंडिडेट को अपने जीवन में एक उत्सुक शिक्षार्थी बनने और ‘परिवर्तन एजेंट’ बनने के लिए आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने काइज़न से लेकर संगठनात्मक व्यवहार और संचार से लेकर लेवल -5 लीडरशिप तक, कई प्रमुख प्रबंधन अवधारणाओं पर अपनी व्यावहारिक अंतर्दृष्टि पर ध्यान केंद्रिक करते हुए कैंडिडेट से विनम्रता विकसित करने का आग्रह किया।
सीआईएमपी के निदेशक डॉ. वी. मुकुंद दास ने अपने स्वागत भाषण में पुलिस-सार्वजनिक इंटरफेस में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कैंडिडेट से अधिक ‘मानवीय’ और ‘लोगों के अनुकूल’ होने का आह्वान किया और कानून तोड़ने वालों को मात देने के लिए दोगुना रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने को कहा, क्योंकि सभी कानून तोड़ने वाले हमेशा बहुत रचनात्मक होते हैं।
रचनात्मक विचारक-लेखक-ग्राफोलॉजिस्ट डॉ. प्रसाद सुंदरराजन ने अपने संबोधन में कैंडिडेट को हमेशा यह ध्यान रखने के लिए कहा कि अस्तित्व के दृष्टिकोण से यह समझना सामान्य व्याख्या से परे है कि क्या किसी को अपराधी और दूसरे को पुलिस अधिकारी या शिक्षक बनाता है। इसलिए उन्हें सबसे घातक अपराधियों के साथ व्यवहार करते समय हमेशा उस चिंता को ध्यान में रखना चाहिए।