NEWSPR डेस्क। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सर्वजन दवा सेवन यानि एमडीए कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। 14 दिनों तक संचालित होने वाले इस विशेष अभियान के तहत संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को उम्र के हिसाब से निर्धारित डीईसी व अल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराया जाना है। कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर कुल 3500 कर्मियों को लगाया गया है। इसमें 3170 आशा कार्यकर्ता व 229 सुपरवाईजर सहित जीविका के ड्रग एडमिनस्ट्रेटर की मदद ली जा रही है। अभियान के तहत जिले के 6.5 लाख घरों का भ्रमण करते हुए लगभग 32 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसी क्रम में बुधवार को मंडल कारा अररिया के कैदियों को दवा सेवन कराने के उद्देश्य से विशेष कार्यक्रम का संचालन किया गया।
फाइलेरिया की वजह से होने वाले हाथी पांव का कोई इलाज नहीं : मंडल कारा परिसर में जेल अधीक्षक दीनानाथ प्रभाकर की अध्यक्षता में इसे लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कैदियों को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा फाइलेरिया रोग के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया गया। कैदियों को रोग की गंभीरता से अवगत कराते हुए वीडीसीओ ललन कुमार ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर कष्टकारी रोग है। फाइलेरिया की वजह से हाथी पांव होने की स्थिति में इसका कोई इलाज नहीं है। संक्रमण के खतरों से बचाव के लिये सरकार द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। इस साल 20 सितंबर से जिले में इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जेल अधीक्षक को दवा का सेवन कराते हुए अभियान की शुरूआत की गयी।
रोग मुक्त समाज के निर्माण में स्वच्छ वातावरण का होना जरूरी : जेल अधीक्षक दीनानाथ प्रभाकर ने कहा कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित रोग है। घर के आस-पास जल जमाव वाले क्षेत्र व गंदे स्थानों पर पनपने वाले कई मच्छर कई गंभीर रोग के कारक होते हैं। इसलिये हमें आसपास के माहौल को हमेशा स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने का प्रयास करना चाहिये।