NEWSPR डेस्क । दुष्कर्म मामले में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद प्रिंस राज को दिल्ली की अदालत ने उन्हें अग्रीम जमानत दे दी है। 21 सितंबर को ही उनकी जमानत पर फैसला आने वाला था, लेकिन उसी दिन इस मामले की सुनवाई से जज ने खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद बुधवार को जमानत अर्जी पर नए सिरे से सुनवाई हुई थी।
मंगलवार को ही आना था फैसला, पर जज ने खुद को किया था अलग : विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष के तर्क सुनने के बाद 17 सितंबर को अपना फैसला 20 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। 20 को भी फैसला नहीं आया और मंगलवार को फैसला आना था, लेकिन संबंधित जज ने स्वयं को मामले से अलग करते हुए फाइल जिला जज को भेज दी थी ताकि बुधवार को दूसरी अदालत मामले की सुनवाई कर सके।
पुलिस बोली हिरासत में लेकर वीडियो क्लीप की जानकारी लेना जरुरी : पुलिस ने कोर्ट में तर्क रखा था की आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरुरी है। पीड़िता के मुताबिक आरोपी के पास आपत्तिजनक वीडियो क्लीप है, जिसे बरामद करना जरूरी है। वहीं प्रिंस राज के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ फर्जी मामला बनाया गया है।
शिकायतकर्ता पर पैसे के लिये ब्लैकमेल करने का आरोप : प्रिंस राज ने गिरफ्तारी से बचने के लिये कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उनके ओर से दावा किया गया था कि पीड़िता उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। उनसे पैसे उगाही करने के लिये उनपर आरोप लगाई है। बताया कि इस सिलसिले में 10 फरवरी को संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। महिला व उसके दोस्त ने इस मामले में अदालत से अग्रिम जमानत ली है। उन्होंने कहा कि महिला ने धमकी दी थी कि अगर वह उगाही के पैसे नहीं देते हैं तो उनकी छवि खराब कर देगी। उन्होंने कहा कि महिला एक करोड़ रुपये की मांग कर रही है।