सोनू भारती
चतराः नौ साल पहले चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल क्षेत्र में एक जलमीनार के निर्माण का काम शुरु हुआ। जिसके बाद लोगों की उम्मीद थी कि जल्द यहां के सभी घरों में पीने के लिए शुद्ध पानी नसीब होगा। लेकिन यह उम्मीद आज तक पूरी नहीं हो सकी। यहां के घरों में नल तो लगाए गए, लेकिन उससे एक बूंद पानी नहीं गिरी। हां, इस दौरान नेताओं ने वादे जरुर किए।
यह हाल है करोड़ों का राजस्व देने वाले चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल क्षेत्र का, जहां के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। स्थिति यह है कि इन्हें न पीने के लिए शुद्ध पानी तक मयस्सर हो रहा है बल्कि गांव में आजतक एक सड़क तक नहीं बना है। बेलगड्डा गांव के लोग नौ साल से पानी का इंतजार कर रहे हैं। यहां चुनाव के समय में कई राजनेता और सरकार के नुमाईंदे पहुंचते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। ग्रामीण भी हर साल उम्मीद के आसरे वोट देते रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीद आज तक उम्मीद ही बनकर रह गयी है।
जिले में हर घर में लाखों खर्च कर जल की सुविधा देने के लिए नल लगाने का काम चल रहा है। ताकि लोगों को स्वच्छ जल मिल सके। लेकिन बेलगड्ढा में सिस्टम की उदासीनता के कारण चतरा से करीब 30 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के बेलगड्ढा गांव में जलापूर्ति योजना के तहत 9 साल पहले लगभग 19 लाख रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण करवाया गया है। लेकिन नल से आज तक एक बूंद भी पानी नहीं टपका। सिमरिया में लोग आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
अधूरे जलमीनार से प्रशासन भी अंजान
बेलगड्ढा में नौ साल बाद जलमीनार के अधूरे निर्माण को लेकर प्रशासन भी अंजान है। यहां के बीडीओ अमित कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली है। जल्द ही बंद पड़े जलमीनार को शुरू किया जाएगा।