दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के कानपुर में शुक्रवार को मुठभेड़ में ढेर होने के बाद अब उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ केंद्र सरकार के प्रवर्तन निदेशालय ने उसके काले कारोबार की जांच शुरू कर दी है। उसकी संपत्तियों के साथ ही उसके आकाओं और फाइनेंसर्स को भी अब खंगाला जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने विकास दुबे की सभी अघोषित तथा घोषित संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल विकास के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई है। पुलिस महानिरीक्षक कानपुर से ब्योरा मांगा गया है कि विकास दुबे के सहयोगियों से पुलिस को क्या-क्या मिला है। कानपुर में विकास दुबे तथा उसके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद मामले का ईडी ने संज्ञान लिया और कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक से सारी जानकारी मांगी है।
ईडी को जानकारी मिली है कि बीते तीन वर्ष में विकास दुबे ने 15 देशों की यात्रा की थी। संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड में एक-एक पेंटहाउस भी खरीदा था। इसके बाद हाल में ही उसने लखनऊ में लगभग 20 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी।
ईडी ने कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने विकास दुबे उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का आर्थिक ब्यौरा मांगा है। ईडी ने विकास के परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। ईडी की एक टीम तीन दिन पहले बुधवार को कानपुर पुलिस और अधिकारियों के साथ संपर्क करके औपचारिक तौर पर विकास दुबे से संबंधित एफआईआर सहित कई दस्तावेजों को लेकर लखनऊ आई थी।
विकास दुबे पर ईडी का शिकंजा कसने के साथ ही उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने भी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब एसटीएफ की टीम विकास दुबे के मामले में एक बार फिर उज्जैन जाएगी। वहां पर विकास दुबे के शराब कारोबारी से कनेक्शन की जांच होगी। विकास दुबे के उज्जैन में प्रवास के दौरान शराब कारोबारी ने विकास की मदद की थी। उसको भी मध्य प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके साथ ही एसटीएफ महाकाल मंदिर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरा को खंगालेगी। वहां पर एसटीएफ विकास की मदद करने वालों से भी पूछताछ करेगी।