पटना: अखिल भारतीय कुशवाहा महासंघ के बिहार प्रदेश के प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में 2017 के बाद से अब तक कई कुशवाहा समाज के नेताओं की हत्याएं हुई हैं लेकिन कानून व्यवस्था की ऐसी बिगड़ी स्थिति में भी सरकार सुशासन के झूठे दावे करने से बाज नहीं आ रही। गोपालगंज के रामाश्रय सिंह कांड पर उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय के लिए विधवा चार दिन से अनशन पर है। अबतक एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई। इस हत्याकांड की प्राथमिकी भोरे, गोपालगंज पुलिस स्टेशन में मृतक के बड़े भाई हरिनारायण सिंह द्वारा दर्ज करवाई गयी थी।
कुशवाहा ने बताया कि नामजद अभियुक्तों की भी साल भर बीत जाने के बाद गिरफ़्तारी नहीं हुई है, जिससे जनता में रोष व्याप्त है। नामजद अभियुक्तों की गिरफ़्तारी की मांग के साथ मृतक की पत्नी विगत चार दिनों से आमरण अनशन पर बैठी हैं। उन्होंने अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा, बिहार के साथ-साथ स्थानीय जनता में चार दिनों के अनशन से सुनीता देवी की बिगड़ती तबियत के बारे में व्याप्त चिंता की और उनको ध्यान भी दिलाया। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इतने पर भी नहीं चेता, तो आखिर जनता में क्या सन्देश जाएगा?
इस सम्बन्ध में स्थानीय प्रशासन के रवैये से असंतोष के कारण ही हरिनारायण सिंह द्वारा उच्च न्यायलय, पटना में क्रिमिनल रिट याचिका दाखिल की गयी थी। उच्च न्यायलय ने चार फ़रवरी 2020 को इस सम्बन्ध में न्यायादेश भी पारित किया। इस आदेश के मुताबिक आरक्षी अधीक्षक, गोपालगंज को नामजद अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर कानूनी करवाई करनी थी। कई महीने बीत जाने पर भी इस उच्च न्यायलय के आदेश की भी अवहेलना हो रही है।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मुट्ठी भर लोग आखिर प्रशासन और न्यायालय से ऊपर कैसे हो गए हैं जो पुलिस न्यायलय के आदेश के बाद भी गिरफ़्तारी नहीं कर पा रही है। ये जनता और सरकार दोनों के लिए एक बड़ा सवाल है।