इंडो-नेपाल गंडक बराज बॉर्डर के खुलने से व्यवसायियों में जश्न का माहौल, सीमावर्ती शहर खुशी के जश्न में डूबा, कोरोना के कारण बंद थी आवाजाही

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। वाल्मीकिनगर में लंबे इंतज़ार के बाद इंडो-नेपाल गंडक बराज बॉर्डर को आम लोगों के आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। गंडक बराज बॉर्डर के खुलते ही सीमावर्ती व्यवसायियो के साथ साथ आम लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। दोनों ही देशों के सीमा से लगने वाले व्यवसायी एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर बधाइयां दे रहे हैं।

कोरोना के चलते बीते डेढ़ साल से इंडो नेपाल बॉर्डर को कोरोना महामारी की वजह से बंद कर दिया गया था। जिसके कारण दोनों ही देशों के नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। वहीं लोगों को इस बात की जानकारी जैसे ही मिली वह जश्न मनाने लगे। सारा सीमावर्ती शहर खुशी के जश्न में डूब गया। लोग एक दूसरे को मिलकर और फोन के जरिये बधाइयां देने लगे। कुछ दिनों पहले ही देश के लोगों के बीच अनुनाश्रय संबंध के तहत बेटियों एक दूसरे देश मे ब्याही गई हैं। जिस वजह से आपस मे प्रगाढ़ रिश्ता आम लोगों के बीच कायम हो चला है।

यह रिश्ता कोई नया नहीं है, बल्कि सदियों पुराना है। बहरहाल दोनों देशों के आम लोग कुछ शर्तों के साथ पूर्व की तरह एक दूसरे देशों में आ जा सकते हैं । सूत्रों की माने तो फिलवक्त साइकल,पैदल व मोटरसाइकिल को प्रवेश की इजाज़त दी गई है। शनिवार के दिन नेपाल और भारत के सीमा पर तैनात अधिकारियों की लंबी बैठक के बाद यह फैसला लिया गया ।

बगहा से परवेज आलम की रिपोर्ट

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