NEWSPR डेस्क। मोतिहारी के कोटवा पीएचसी में लाखों की जीवनरक्षक दवा झाड़ियों में फेंके जाने की बात सामने आई है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। रविवार को अस्पताल के बगल में झाड़ी में लाखों की जीवन रक्षक सहित लाखों की दवा फेंकी गई है। जिसे देख लोग आश्चर्यचकित हो गए। लोग झाड़ी में फेंकी गई दवा का वीडियो व फोटो लेकर सोशल मीडिया पर डालकर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था का पोल खोल रहे हैं। फेंके गए दवाओं में इंजेक्शन, प्रैगनेंसी कीट, दमा की दवा, आयरन फॉलिक एसिड, एंटीबायोटिक, गर्भधारण रोकने सहित कई महत्वपूर्ण और जीवनरक्षक दवा है। फेंके गए दवाओं में कई दवा वर्ष 2022 और 23 में एक्सपायर होने वाली है।
बता दें कि इससे पहले भी जिला के तुरकौलिया पीएचसी के पास शौचालय की टंकी में लाखों की दवा फेंकी गई थी। जिसकी अभी जांच चल ही रही थी कि दूसरा मामला कोटवा पीएचसी में लाखों की दवा झाड़ी में फेकने का आ गया। इधर अस्पताल प्रभारी ने बताया कि अस्पताल व्यवस्था सुधारने की प्रयास करने पर साजिश किया जा रहा है। जरूरतमंदों के निःशुल्क इलाज और दवा देने की व्यवस्था कोटवा पीएचसी में मजाक बन गया है। पीएचसी मे मुफ्त व्यवस्था का माखौल उड़ाते हुए लाखों रुपये की जीवन रक्षक दवाएं फेंक दी गयी है।
ग्रामीणों की मानें तो पीएचसी में लोगों का फर्जी डाटा इंट्री कर इलाज किया जाता है और उनको कागज में ही दवा निर्गत कर दिया जाता है। इस खेल में जब दवाएं अस्पताल के भंडार में अतिरिक्त हो जाती है तो उसे दबाने के लिए यत्र-तत्र फ़ेंकवा दिया जाता है। दवा एक्सपायर होने की स्थिति में विभाग से निर्देश लेकर विनष्ट करना चाहिये। लेकिन यहा तो मामला कुछ अलग है क्योंकि फेंके गए दवाओं में कई की अभी तो एक्सपायरी भी नहीं हुई है। शहर में चर्चा है कि कुछ लोग हाल ही में योगदान किये पीएचसी प्रभारी को बदनाम करने की साजिस बता रहे हैं। यहां बता दें कि कोटवा पीएचसी जिले में पूर्व से ही कई कारनामों को लेकर बदनाम रहा है। कुछ विषयों पर पीएचसी पर जांच भी चल रही है। नये प्रभारी ने प्रभार लेते ही व्यवस्था को चुस्त – दुरुस्त करने की कवायद करने लगी। पूर्व से अस्पताल में जमे कर्मी हटाये जाने के कारण खार खाये बैठे हैं।
इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉ शीतल नुरूला ने बताया कि यह साजिश के तहत बदनाम करने की चाल चली जा रही है। यहां कोई सिस्टम नहीं था। व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। पीएचसी में पूर्व से गड़बड़ी करने वालों की नहीं चल पा रही है वैसे ही लोगों के षड्यंत्र किया जा रहा है। मुझे जान का खतरा है। विभिन्न स्रोतों से लगातार धमकी दी जा रही है। इस संबंध में थाना को कार्रवाई के लिये आवेदन भी दिया गया है। थाना द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है इसी से गलत करने वालों का मनोबल बढ़ता जा रहा ।अस्पताल में गार्ड के रहने के बाद भी स्टोर से कैसे दवा झाड़ी में फेंकी गई ।इसकी जांचकर दोषी के विरुद्ध कड़ी करवाई की जाएगी।
मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट