समाज सेवा के लिए पद्म भूषण से अलंकृत स्वाधीनता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय जी की पुण्यतिथि, जे डी यू- ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने किया नमन

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक कमलादेवी चट्टोपाध्याय जी का आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर जे डी यू- ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हे नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। बता दें कि आज के दिन (29 अक्टूबर 1988) कमला देवी चट्टोपाध्याय का निधन हुआ था।

उनका जन्म 3 अप्रैल 1903 को कर्नाटक के मैंगलोर में हुआ था। सारस्वत ब्राह्मण कुल में उनका जन्म हुआ था। ये अपने माता-पिता की चौथी और सबसे छोटी बेटी थीं। कमला देवी के पिता अनन्त धारेश्वर मैंगलोर के जिला कलेक्टर थे और उनकी माँ गिरिजा देवी कर्नाटक के एक राजसी घराने से थीं। 1917 में उनकी शादी कृष्ण राव से हुई थी। तब वह केवल चौदह वर्ष की थीं और स्कूल में पढ़ रही थीं। शादी के दो साल बाद वह विधवा हो गईं । लेकिन कमला देवी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी । सेंट मेरी स्कूल चेन्नई से उन्होंने 1918 में हाई स्कूल पास किया। उसके बाद क्वीन मेरी कॉलेज में आ गईं। इनकी आगे की पढ़ाई बेडफोर्ट कॉलेज लंदन में हुई। इसके अलावा उन्होंने संस्कृत की नाट्‌य परम्परा की शिक्षा नाट्‌याचार्य पद्यश्री मनी महादेव चाक्यार से उनके आश्रम में ली।

कमलादेवी चट्टोपाध्याय एक महान स्वतंत्रता सेनानी थीं। वह एक समाज सुधारक और अभिनेत्री भी थीं। इसके अलावा वो भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं। आजादी के आंदोलनों में उन्‍होने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कमला देवी के परिवार से उस समय के अनेक स्वतन्त्रता सेनानी तथा प्रबुद्ध वर्ग के लोग जुड़े हुए थे। उनमें महादेव गोविन्द रानाडे तथा गोपाल कृष्ण गोखले थे। इनके अलावा महिलाओं में रामाबाई रानाडे तथा एनीबेसेंट भी थीं। इसलिए कमला देवी में राष्ट्रीय एवं स्वदेशी संस्कार बचपन से ही थे। आजादी के आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी को लेकर महात्मा गांधी को उन्होंने मनाया था और इसके बाद कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने महिलाओं के अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, पर्यावरण के लिए न्याय, राजनीतिक स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों संबंधित गतिविधियों के लिए प्रस्ताव रखा था।

कमलादेवी चट्टोपाध्याय को 1955 में भारत का उच्च सम्मान पद्म भूषण दिया गया। इसके बाद 1987 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था। 1966 में उन्हें ‘रेमन मैगसेसे पुरस्कार भी दिया गया।

 

 

Share This Article