मुंगेर में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन, सखौल पहाड़ी से भागने को मजबूर हुए कुख्यात नक्सली

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। मुंगेर में दो दिनों से नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चल रहा है। इस काम में एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और जिला बल के जवान लगे हैं। कुख्यात नक्सलियों की खोज में पहाड़ियों और घने जंगलों की छान मार रहे हैं। इस अभियान में मुंगेर के एएसपी अभियान राजकुमार भी लगे हैं। सखौल पहाड़ी पर चल रहे सर्च अभियान से नक्सलियों के होश उड़ गये हैं। नक्सलियों के सर्वोच्च कमांडर परवेज दा उर्फ़ सरयू सोरेन के मुंगेर के सखौल पहाड़ी पर होने और पंचायत चुनाव में वोट वहिष्कार करने के एलान किया था। इसके तुरंत बाद मुंगेर के एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों ने नक्सलियों के ढूंढने का सर्च अभियान चलाया। हाथों में राइफल , एके 47, एल एम जी सहित खतरनाक हथियारों से लैश ये जवान नकस्लियों को इस पहाड़ियों से भागने पर मजबूर कर दिया ।
दरअसल , मुंगेर में छठे चरण के पंचायत चुनाव को लेकर नक्सलियों ने वोट वहिष्कार का नारा दिया था। नक्सलियों के इस अभियान के बाद धरहरा प्रखंड में आने वाले पंचायतो में लोग भयभीत हो गए थे। यह सूचना जब मुंगेर के अधिकारियों को मिली तो एएसपी ऑपरेशन के नेतृत्व में एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों ने आजिमगंज पंचायत के सखौल पहाड़ी पर सर्च अभियान शुरू कर दिया। पुलिस और पारा मिलिट्री फ़ोर्स को जवानों को पहाड़ी पर आता देख नकसली भाग खड़े हुए।

दरअसल , मुंगेर के नक्सल प्रभावित इलाके और ख़ास करके नक्सलियों के गढ़ में चुनाव करवाना पुलिस प्रशासन के लिये काफी चुनौतीपूर्ण था। इसी बीच नक्सलियों के कमांडर परवेज दा के द्वारा वोट बहिष्कार करने की घोषणा कर दी गयी। तो फिर प्रशासन ने इसको लेकर एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और जिला बल के जवानो को इलाके में पंचायत चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा तो फिर ये सारे जवान धरहरा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले पहाड़ी और दुर्गम नक्सली क्षेत्रो में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलने पहुँच गए। आजिमगंज पंचायत के सखौल पहाड़ जो नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है और हाल के दिनों में ही यहाँ नक्सलियों और आर्म्स फ़ोर्स के बीच एनकाउंटर भी हुआ था वही फ़ोर्स के साथ एएसपी राजकुमार पहुँच गए और नक्सलियों को चुनौती दे दिया। एसटीएफ , सीआरपीएफ और जिला पुलिस के जवानो को देखकर नक्सली भाग खड़े हुए । बहरहाल , छुपाकर वार करना नक्सलियों की फितरत है । लिहाजा इस बार वे छुप ही नहीं पाए क्योंकि जवानो ने उनके ठिकानों पर ही दबिश दे दी।

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