NEWSPR डेस्क। विश्व मे भारत का गौरव बढ़ाने वाले प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री , नोबल एवं भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित चंद्रशेखर वेंकटरमन की आज जयंती है। इस मौके पर जे डी यू- ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन किया है। सी वी रमन का पूरा नाम सर चन्द्र शेखर वेंकट रमन है। वह भारत के भौतिक शास्त्री थे। 1930 में उन्हें भौतिकी के प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। 1954 में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि से से भी सम्मानित किया गया है। 15 साल तक 1933-1948 वह कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे, उसके बाद वे खुद के रमन भारतीय अकादमी ऑफ़ साइंस के निदेशक भी रहे। वह विज्ञान संघ के अध्यक्ष भी रहे। आज वही विज्ञान संघ भारत की पहचान बना हुआ है। सी वी रमन जिस वक्त अपना शोध कर रहे थे, तब उस समय वैज्ञानिकों के लिए उस क्ष्रेत्र में उतनी ज्यादा करियर की सम्भावनाये नहीं थी।
रमन ने 1907 में असिस्टेंट अकाउंटेंट जनरल की नौकरी की, लेकिन हमेशा से विज्ञान ही उनका पहला प्यार रहा। वे किसी न किसी तरह लैबोरेटरी में पहुंचकर अपनी रिसर्च करते रहते थे। 1917 में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ी और कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर हो गए। यहीं पर 28 फरवरी 1928 को उन्होंने केएस कृष्णन समेत अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर रमन इफेक्ट की खोज की। यही कारण है कि इस दिन को भारत में हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। सीवी रमन का 82 साल की आयु में 1970 में निधन हो गया।
रमन इफेक्ट का इस्तेमाल आज भी कई जगहों पर हो रहा है। जब चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी होने की घोषणा की तो इसके पीछे भी रमन स्पैक्ट्रोस्कोपी का ही कमाल था। फॉरेंसिक साइंस में भी रमन इफेक्ट काफी उपयोगी साबित हो रहा है। अब यह पता लगाना आसान हो गया है कि कौन-सी घटना कब और कैसे हुई थी।