NEWSPR डेस्क। पटना के ठाकुर प्रसाद सेवा समिति में आज समाज के अलग-अलग तबकों से आने वाले करीब 35 बच्चे-बच्चियों एवं किशोर-किशोरियों ने बैठक कर अपनी समस्याओं, मुद्दों व अधिकारों को लेकर विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रीय बाल दिवस 14 नवंबर से विश्व बाल दिवस 20 नवंबर तक आयोजित होने वाले बाल अधिकार सप्ताह के मद्देनज़र बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ़ द्वारा प्रथम के सहयोग से बाल दरबार नाम से यह आयोजन करवाया गया।
विशेष रूप से बच्चों ने बताया कि कोविड-19 त्रासदी, लॉक डाउन और स्कूल बंदी की वजह से उन्होंने शिक्षा, सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किन किन चुनौतियों का सामना किया, सरकार की किन योजनाओं से उन्हें लाभ मिला और कैसे एक बेहतर दुनिया का निर्माण किया जा सकता है।
इस विशेष पहल के बारे में बताते हुए पटना से समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने कहा कि जनता दरबार की तर्ज़ पर बाल दरबार से विभिन्न सरकारी विभागों/नीति निर्धारकों को बच्चों एवं किशोर-किशोरियों से सीधे संवाद कर, उनके सरोकारों और सुझावों को बेहतर ढंग से जानने-समझने का मौक़ा मिलेगा।
बाल दिवस की बधाई देते हुए पटना से यूनिसेफ़ बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट बाल अधिकार समझौते एवं राष्ट्रीय बाल नीति के मुताबिक़ बच्चों को भागीदारी और विचार व्यक्त करने का अधिकार है।
आज के बाल दरबार चर्चा के दौरान मुख्य तौर पर निम्नलिखित मुद्दे उभर कर आए जिनसे सभी बच्चे-बच्चियां किसी न किसी रूप में ज़रूर प्रभावित हैं.
- स्कूल में शिक्षा का आभाव
- बेरोजगारी
- बिजली और पानी की असुविधा
- समाज में फैली हुई जाती व्ययवस्था
4 घंटे की चर्चा के दौरान न सिर्फ़ समस्याओं पर बातचीत हुई, बल्कि बच्चों ने उनके निदान को लेकर कुछ ठोस सुझाव भी दिए.
- समय समय पर सरकार द्वारा जांच की प्रक्रिया हो
- ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की जाये
- स्थानीय क्षेत्र में रोजगार निर्मिति
संवाद के दौरान मिले सुझावों के आधार पर प्रतिभागी बच्चे-बच्चियों द्वारा एक चार्टर ऑफ़ डिमांड्स भी तैयार किया गया जिसे आगामी 16/11/2021 को वे जिलाधिकारी/अन्य अधिकारियों से मिलकर उन्हें सौंपेंगे। इस दौरान वे ज़िलाधिकारी से खुलकर चर्चा करेंगे और उनसे अपनी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का भी अनुरोध करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रथम संस्था से मिनल मड़ावी , नेहाल , सीता , गोपाल , आशीष , लवकुश , साहिल उपस्थित रहे.चर्चा के साथ साथ बच्चों ने बाल दिवस को उत्सव के रूप में भी मनाया. बाल अधिकारों के प्रतीक के रूप में नीली रौशनी और नीले गुब्बारों से सजे हुए बाल गृह/बालिका गृह और संस्थाओं में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
संपादक/ब्यूरो चीफ़ के लिए बाल दरबार से जुड़ी अन्य जानकारियाँ
14 से 16 नवंबर के बीच राज्य के 29 ज़िलों में राज्य बाल संरक्षण समिति, समाज कल्याण विभाग के निर्देशन में राज्य बाल संरक्षण समिति, सेव द चिल्ड्रेन, ऐक्शन एड, प्रथम, उदयन केयर, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन ऑल्टरनेटिव केयर की टीम के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है. इसमें राज्य के सभी 34 बाल/बालिका गृहों से भी बच्चे-बच्चियां शामिल होंगे.
जनता दरबार की तर्ज़ पर शुरू किए गए इस पहल के ज़रिए बच्चों को एक प्रभावी मंच मुहैया करवाया जा रहा है जहां वे अपने मुद्दों, समस्याओं और सरोकारों के बारे में आपस में खुलकर चर्चा कर सकें. इसी कड़ी में उन्हें ज़िलास्तरीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से खुलकर संवाद करने का भी मौक़ा मिलेगा. संवाद के दौरान मिले बच्चों के सुझावों के आधार पर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को बच्चों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज़िला एवं राज्य स्तर पर संबद्ध अधिकारियों व नीतिनिर्धारकों को सौंपा जाएगा.
ज़िला स्तरीय आयोजन के पश्चात हर ज़िले से एक लड़का या लड़की राज्य स्तर पर 19 नवंबर को आयोजित होने वाले राज्य बाल दरबार में भाग लेंगे. 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के अवसर पर बच्चों व किशोर-किशोरियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सुझावों एवं मांगों का संकलित चार्टर समाज कल्याण विभाग एवं अन्य संबद्ध विभागों के मंत्री एवं आला अधिकारियों को सौंपा जाएगा. कोविड महामारी के दौरान बच्चों ने क्या खोया, क्या पाया और उनके लिए एक बेहतर दुनिया कैसे बने, इससे जुड़े सुझावों को भी चार्टर ऑफ़ डिमांड्स में शामिल किया जाएगा.