NEWSPR डेस्क। बिहार के कई जिलों में शराब पीने से हुए मौत के बाद प्रशासनिक कवायद को आज भी धत्ता बताया जा रहा है और रात तो दूर दिन के उजाले में ही शराब के नशे में धुत्त होकर खुली चुनौती पेश कर रहे हैं।इसी कड़ी में अररिया जिला के फारबिसगंज रामपुर दक्षिण उच्च माध्यमिक विद्यालय के एक सरकारी शिक्षक शिक्षा और शिक्षक के पेशे को कलंकित करते हुए शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल बच्चों को पढ़ाने के लिए पहुँचे, लेकिन बच्चों का क्लास लेने के बजाय शराब के पेग चढ़ाने के चक्कर में पहुँच गये हवालात।
दरअसल हरिपुर गांव का रहने वाला हरिश्चन्द्र मेहता नियमित तौर पर स्कूल पहुंचता था, लेकिन कहा जाता है कि शराब के नशे में धुत्त रहना उसकी आदत बन गई थी और बच्चों के साथ स्कूल आने वाले अभिभावकों से बराबर बदतमीजी करता रहता था। इसी कड़ी में कुछ योजनाओं को लेकर कई बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुँचे और जब जानकारी लेने की कोशिश की तो आरोपी शिक्षक बदसलूकी पर उतारू हो गये। जिसके बाद अभिभावकों ने फारबिसगंज थानां पुलिस को इसकी सूचना दी। मामले की जांच के लिये मौके पर पहुंचे फारबिसगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने जब ब्रेथ एनालाइजर से उसकी जांच की तो 95 फिसदी अल्कोहल पाया गया।उसके बाद फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भी जांच कराया गया तो वहां भी शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई।
शराब के नशे में धुत्त शिक्षक हरिश्चन्द्र मेहता नियमित शिक्षक हैं और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में अररिया मंडल कारा भेज दिया है। मामले पर फारबिसगंज एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने बताया कि स्कूल शिक्षक के नशे में होने की सूचना ग्रामीनो के द्वारा की गई और उस सूचना पर फारबिसगंज थानाध्यक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया और जांच में भी शराब पीने की पुष्टी हुई है।उन्होंने कहा कि शिक्षक को शराब कहाँ से मुहैया हुआ और उनके साथ और कौन लोग थे। साथ ही उनका पुराना इतिहास को भी खंगालने का काम पुलिस कर रही है।पुलिस मामले में कई बिंदुओं पर जांच में जुटी है।
अररिया से रवि राज की रिपोर्ट…