ना शराब पियेंगे और ना बिकने देंगे, नशा मुक्ति को लेकर सीएम नीतीश ने दिलाई शपथ, कहा- पटना को कंट्रोल कीजिये, पूरा बिहार कंट्रोल हो जायेगा

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। नशा मुक्ति दिवस दिवस पर पटना के ज्ञान भवन में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए। इस दौरान नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। वहीं इस कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को आजीवन शराब का सेवन नहीं करने और दूसरों को भी इसका सेवन नहीं करने देने की शपथ दिलाई है।

सीएम ने बताया क्यों लागू हुआ शराबबंदी : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में महिलाओं के बीच से शराबबंदी को लेकर आवाज़ आई थी, इसके बाद जहाँ भी हम गए लोगों ने इसका समर्थन किया । 2017 से हमनें इसको नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का काम किया। जब 1 अप्रैल 2016 को हमनें इसको लागू किया , उस वक़्त सिर्फ़ गाँव के इलाकों को बंद करने के बात हुई थी। लेकिन डीलरों ने दुकान खोलने के कोशिश की तब लोगों ने इसका विरोध किया । इसके बाद हमने 4 अप्रैल को कैबिनेट से पास कराकर इसे लागू किया । इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी कानून 100 % लागू नहीं किया जा सकता हैं क्योंकि समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इसका उलंघन करते हैं। जहरीली शराब से जब भी बिहार में मौतें हुई है, तब तब हमनें इस पर कठोर एक्शन लिया है।

आंकड़ों के आधार पर समझाने की कोशिश की : मुख्यमंत्री ने बताया कि 20 साल से लेकर 39 वर्ष के उम्र में शराब पीने से मरने वाले लोगों की संख्या 13 %हैं। 18 % दुनिया भर में आत्महत्या करने वाले लोग शराब पी कर करते हैं। सड़क दुर्घटना शराब पीने के वजह से सबसे ज्यादा होती हैं। who की रिपोर्ट में दुनिया भर में 27 % मौत सड़क दुर्घटना के वजह से होती हैं। शराब पीने के कारण कितने तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित होते हैं । 7 घंटे की समीक्षा बैठक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हर जिले का हमने रिपोर्ट लिया। लोगों की मौत क्यों हुई , इसको समझना चाहिए। दारू बंद होने के बावजूद वह अगर दारू पिएगा तो नकली दारू मिलेगा और मरेगा।

जो साथ नहीं थे वो साथ दे रहे, जो साथ थे वही अब विरोध कर रहे : जब बंद हुआ था उस वक़्त बीजेपी हमारे साथ नहीं थी जो साथ थे वो आज सवाल उठा रहे हैं। मुझे शराबबंदी को लेकर बाहर के राज्य बुलाते हैं और मैं केरल गया था। साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद बाहर से आने वाले टूरिस्ट के संख्या लोगों ने बोला था कि कम हो जाएगी लेकिन इसकी संख्या अब बढ़ी है। अगर सरकारी तंत्र में जो लोग भी हैं गड़बड़ करेंगे तो छोड़ा नहीं जाएगा। मैंने मीटिंग में पहले ही कह दिया है कि पटना पर ज्यादा ध्यान दे और यहाँ लोगों को पकड़े। उसके बाद बाकी के जगहों पर लोगों में डर पैदा होगा। जिस दिन अगर पटना को कंट्रोल कर लिए उस दिन पूरे बिहार में कंट्रोल हो जाएगा।

शराबबंदी से आमदनी घटी नहीं, बढ़ गई : नीतीश कुमार ने आगे कहा कि कुछ लोग बोलते हैं कि बिहार में सरकार की आमदनी घट गईं। जब हमनें खत्म किया था तब 5000 करोड़ का घाटा था और पहले ही साल में 1200 करोड़ का घाटा हुआ और उसके बाद दूसरे साल में वह भी घाटा खत्म। शराब ना पीने से लोगों के पैसे बचने लगे हैं और वह परिवार उस पैसे से अब परिवार के लिए फल और सब्जी जैसे चीज़ लोग घर लेकर आते हैं। सारे जिला अधिकारियो को हमनें कह दिया हैं कि 15 दिनों पर बैठक कीजिए और हर जगह का फीडबैक लीजिए।

कार्यक्रम के दौरान ज्ञान भवन में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद और रेनु देवी के अलावा मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार समेत कई मंत्री भी मौजूद हैं। इस दौरान सचिवालय, बिहार पुलिस मुख्यालय,जिले, प्रखंड और पंचायतों में सभी सरकारी कर्मी अपने अपने कार्यालय के प्रांगण में आजीवन शराब का सेवन नहीं करने और दूसरों को भी इसका सेवन नहीं करने देने की शपथ ली है।

पटना से रमन राय की रिपोर्ट… 

 

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