NEWSPR डेस्क। लोकसभा के पहले स्पीकर गणेश वासुदेव मावलंकर की आज जयंती है। इस मौके पर बिहार के मशहूर रियल एस्टेट कंपनी पल्वी राज कंस्ट्रक्शन और NEWS PR के सीएमडी संजीव श्रीवास्तव ने उन्हे नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। गणेश वासुदेव मावलंकर, जिन्हें दादासाहेब के नाम से जाना जाता है, एक स्वतंत्रता कार्यकर्ता, 1946 से 1947 तक केंद्रीय विधानसभा के अध्यक्ष, भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष, और बाद में लोकसभा के पहले अध्यक्ष थे। मावलंकर का जन्म 27 नवंबर 1888 को बड़ौदा राज्य के बड़ौदा में हुआ था। वह एक मराठी परिवार से थे, लेकिन गुजरात की पूर्व राजधानी अहमदाबाद में रहते थे और काम करते थे।
मावलंकर अपनी उच्च शिक्षा के लिए 1902 ई. में अहमदाबाद आ गये थे। उन्होंने अपनी बी.ए. की परीक्षा ‘गुजरात कॉलेज’ से उत्तीर्ण की थी और क़ानून की डिग्री ‘मुंबई यूनिवर्सिटी’ से प्राप्त की। अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने अहमदाबाद से अपनी वकालत प्रारम्भ की और साथ ही सार्वजनिक कार्यों में भी भाग लेने लगे। शीघ्र ही वे सरदार वल्लभ भाई पटेल और गांधीजी के प्रभाव में आ गए। उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
जीवी मावलंकर 1937 में अहमदाबाद नगर का प्रतिनिधित्व करते हुए बंबई विधान सभा के लिए चुने गए। वह साल 1937 से 1946 तक बंबई लेजिस्लेटिव एसेम्बली के अध्यक्ष रहे। इसके बाद कांग्रेस ने जनवरी 1946 में उन्हें छठी केन्द्रीय विधान सभा के प्रेजिडेंटशिप के लिए सहज प्रत्याशी बनाया। वहीं 15 मई, 1952 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्र भारत के प्रथम लोक सभा के अध्यक्ष पद के लिए मावलंकर का नाम दिया था। सदन ने प्रस्ताव को 55 के मुकाबले 394 मतों से स्वीकार किया। मावलंकर ने चार वर्षों तक लोक सभा के अध्यक्ष के रूप में अच्छी भूमिका निभाई थी। मावलंकर का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल उनके आकस्मिक निधन के साथ ही समाप्त हुअा था। एक यात्रा के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। 27 फरवरी, 1956 को अहमदाबाद में उन्हें अंतिम सांस ली थी। जवाहर लाल नेहरू ने लोक सभा के जनक की उपाधि से सम्मानित किया था।