पंकज मिश्र
जामताराः जिले के मिहिजाम नगर परिषद् के डोमदहा श्मशान घाट में जलाने के लिए लाए जाने शवों का रिकार्ड नहीं है। जिससे यह बता पाना मुश्किल है कि लाशें कहां से आई हैं। ऐसे में अराजकता बढ़ सकती है। दस कदम की दूरी पर बंगाल की भी सीमा है, इससे आशंका और बढ़ जाती है।
यहां के लोगों का कहना है कि श्मशान घाट में कई बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। लोगो का कहना है कि शव दाह के लिए बना शेड उजाड़ चुका है। इससे शव यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चाहरदीवारी नही है, कही भी शव दफना दिया जाता है। जैसे तैसे लावारिस शवों को पुलिस विभाग भी दफना देता है। शवो को कुत्ते और दूसरे जगंली जानवर निकाल लेते हैं। पास के घरों में प्रदूषण फैलाने से दिक्कत होती है। यहां विद्युत शवदाह गृह की लोग मांग कर रहे हैं।
मामले को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि जल्द ही इस विषय को बोर्ड की बैठक में लेकर कर रजिस्ट्रेशन, शौचालय खुलवाने और चहारदीवारी की व्यवस्था की जाएगी।