राजस्थान विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की ओर से सदन की सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर जारी नोटिस ने सचिन पायलट और उनके 18 साथी बागी विधायकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर को पर्याप्त शक्तियां मिली हुई हैं और इनके तहत पायलट बहस तो कर सकते हैं लेकिन अंतिम फैसला स्पीकर ही लेंगे। ऐसे में गुरुवार को सचिन पायलट गुट राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे गए हैं। कोर्ट में स्पीकर के नोटिस के खिलाफ याचिका पेश की गई।
सूत्रों के अनुसार अब से थोडी देर बाद इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। ज्ञात हो कि विधानसभा स्पीकर के नोटिस के बाद से पायलट गुट के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की अटकलें लगाई जा रही थी। अब उन्होंने हाईकोर्ट में विप की वैधानिकता को चुनौती दी है। सचिन पायलट गुट ने कानूनी सलाहकारों की राय के बाद यह कदम उठाया है। माना जा रहा है कि अगर विप की वैधानिकता पर सचिन पायलट गुट को हाई कोर्ट से कोई आदेश या स्टे मिल जाता तो उनकी विधानसभा सदस्यता पर कोई खतरा नहीं रहेगा।