ऋषिकेश
नालंदाः दो दिन पहले एमपी के गुना जिले में पुलिस का भयानक चेहरा सामने आया था, जब एक किसान दंपति की बेरहमी से पिटाई की थी। बिहार में भी पुलिस का ऐसा ही एक रुप सामने आया है। नालंदा जिले के बीघा थाना क्षेत्र में पुलिसकर्मियों ने मामूली विवाद पर एक एंबुलेंसकर्मी की इतनी पिटाई की है कि अब उसे गंभीर हालत में पटना रेफर करने की नौबत आ गई। एंबुलेंसकर्मी के साथ पुलिस की इस बर्बर पिटाई के विरोध में सभी कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। एंबुलेंसकर्मियों ने कहा कि जब तक भागन बीघा पुलिस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हम लोगों का हड़ताल जारी रहेगा।
घायल को अस्पतान पहुंचाने पर विवाद
मामला भागन बीघा थाना क्षेत्र इलाके की है जहां रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एंबुलेंसकर्मी मनीष कुमार की पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी। घटना के संबंध में 102 एंबुलेंस संघ के जिलाध्यक्ष अमित पांडेय ने बताया कि भागन बीघा पुलिस के द्वारा एंबुलेंसकर्मी के साथ मनमानी किया गया। पुलिस के द्वारा एक घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा गया था, लेकिन एंबुलेंसकर्मी ने रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित होने के कारण बिहार शरीफ सदर अस्पताल ले जाने के जगह रहुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बात कही। इसी बात को लेकर एंबुलेंसकर्मी और पुलिसकर्मियों के बीच कहासुनी हुई। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंसकर्मी के साथ एक मुजरिम की तरह पिटाई कर दी। फ़िलहाल एंबुलेंसकर्मी को बिहार शरीफ से पटना गंभीर हालत में रेफर कर दिया है।
वही एंबुलेंसकर्मियों ने इस इस पुलिसिया बर्बरता व पिटाई के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। एंबुलेंसकर्मियों ने कहा कि जब तक भागन बीघा पुलिस पर कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक हम लोगों का हड़ताल जारी रहेगा।गौरतलब है कि पूरे नालन्दा जिले में 27 एक सौ दो अम्बुलेंसकर्मी है।सभी के सभी हड़ताल पर चले गए है। वहीं भागन बीघा थाना पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस तरह की घटना से भी इनकार किया है।