शराबबंदी पर भाजपा और जदयू में फिर घमासान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नालंदा में जहरीली शराब मौतों पर जदयू को सुनाई खरी खोटी

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। नालंदा में जहरीली शराब से मौतों को आंकड़ा 10 से ज्यादा पहुंच चुका है। ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून पर हजारों सवाल की बौछारें होने लगी और उनसे इस्तीफा की मांग की जा रही। हालांकि इसका कोई टुक नहीं है। वहीं भाजपा खुद शराबबंदी को लेकर जदयू के खिलाफ हो गई है। बीजेपी प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है।

उन्होंने कहा कि नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां संतवाना देता तो आपके लिए अपराध है। अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना।

यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है। दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्रि होने दी । 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें।

तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इस को पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे ।जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन ,पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।

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