NEWSPR डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किए बजट में किसानों के लिए सौगातों का पिटारा खोला। बजट में सभी तबके के लोगों का ध्यान रखने की कोशिश की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की। इसमें किसानों को डिजिटल सेवा देना, तिलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया जाना शामिल है। इसके अलावा पांच नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा, सिंचाई-पेयजल सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। सरकार ने किसान आंदोलन के केंद्र में रही एमएसपी को अब सीधे किसानों के खाते में भेजने का ऐलान किया है। इस सत्र में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा।
बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को डिजिटल और हाईटेक बनाने के लिए पीपीपी (PPP) मोड में नई योजनाओं की शुरूआत की जाएगी। जो किसान पब्लिक सेक्टर रिसर्च से जुड़े हैं उन्हें फायदा होगा। स्टार्टअप एफपीओ को सपोर्ट करके किसानों को हाईटेक बनाया जाएगा। इसके अलावा देश भर में केमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में इसके पहले चरण की शुरुआत की जाएगी। मौजूदा वित्त वर्ष में 2.37 लाख करोड़ रुपये के खाद्यान्न की एमएसपी के तहत किसानों से खरीद की गई है। साथ ही जीरो बजट खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा। वहीं फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग से कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर चलने की उम्मीद है। नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए फंड की सुविधा।
बता दें कि साल 2023 को सरकार ने मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। सरकार मोटे अनाज उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग पर जोर देगी। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 44605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का ऐलान किया है। हालांकि पीएम किसान योजना की राशि को लेकर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा।