NEWSPR डेस्क। गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी के ही पुराने योद्धा के परिवार को मैदान में उतार दिया है। सपा ने बीजेपी के पूर्व नेता उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती को टिकट दिया है। हाल ही में सुभावती और उनके बेटे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं।
बीजेपी के दिग्गज नेता रहे उपेंद्र शुक्ला की पत्नी को उतारकर समाजवादी पार्टी ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। एक तरफ ‘ब्राह्मण कार्ड’ खेलकर बीजेपी से ब्राह्मणों की कथित नाराजगी को भुनाने की कोशिश की गई है। वहीं पार्टी को ये भी उम्मीद है कि 2020 में उपेंद्र शुक्ला की मौत हो जाने की वजह से उनके परिवार को सहानुभूति के नाम पर समर्थन मिल सकता है। सपा ने इससे पहले बीजेपी के मौजूदा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल पर अपना पासा फेंका था, जिनका टिकट काटकर गोरखपुर सीट से योगी को उतारा गया है, लेकिन दाल नहीं गलने पर सुभावती पर भरोसा जताया गया।
गोरखपुर में लंबे समय तक बीजेपी के नेता रहे उपेंद्र शुक्ला कभी योगी आदित्यनाथ के करीबी थे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जब योगी ने गोरखपुर सीट खाली की तो पार्टी ने उपेंद्र शुक्ला पर ही भरोसा जताया। तब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रहे प्रवीण निषाद (निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र और वर्तमान में संतकबीरनगर से भाजपा के सांसद) ने उन्हें हरा दिया था। 2019 में भाजपा ने उपेन्द्र शुक्ला की जगह भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन शुक्ल को मैदान में उतारा था। उनके परिवार का आरोप है कि लंबे समय तक उपेंद्र ने जिस पार्टी की सेवा की उसके नेता अब उनकी सुध नहीं ले रहे हैं।
वैसे तो भगवा का गढ़ रहे गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ की जीत आसान मानी जा रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे को टिकट देकर लड़ाई को कुछ दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। आजाद समाज पार्टी की ओर से चंद्रशेखर आजाद भी योगी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, तो बीएसपी ने पुराने कार्यकर्ता ख्वाजा शमसुद्दीन को सीएम के सामने चुनौती पेश करने को कहा है।