NEWSPR डेस्क। कहते हैं की कोई भी चीज बेकार नहीं होती है। भागलपुर के युवा कलाकार अनिल तांती ने इसे साबित कर दिखाया है। जिले के बरारी निवासी अनिल तांती जलावन में काम आने वाले बेकार सूखे पत्ते से खूबसूरत पेंटिंग बना रहा है। बांस, आम, खजूर और अन्य पेड़ों की सुखी पत्तियों से कागज के मोटे कूट पर बारीकी से सजाकर घोड़े, महात्मा बुद्ध की पेंटिंग बनाया है। आगे भी कई तरह की पेंटिंग बनाएंगे।
इस कला को तृण कला कहते हैं। अनिल बीते कई वर्षों से सैंड आर्ट के साथ-साथ कई तरह की कला को प्रदर्शित कर लोगों को चौंका दे रहे हैं। खुद कलाकारी करते हुए अनिल आसपास के और सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी पेंटिंग बनाना सिखा रहे हैं।
अनिल ने बताया कि पेड़ के नीचे सूखा पत्ता गिरा होता है। उसे चुनकर पत्ते के रंग को देखते हुए पेंटिंग बनाते हैं। बचपन से ही कुछ अलग करने का प्रयास रहे है। कई कलाकारों से मिले तो मुझे भी लगा कि भागलपुर के लिए कुछ करना चाहिए। फोल्क आर्ट, सैंड आर्ट और तृण आर्ट शुरू किया। बच्चों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। अनिल की कलाकारी से आसपास के लोग भी खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं और उनसे सीखते हैं। अनिल के पड़ोसी सागर ने बताया कि बचपन से ही उनको देखते आए हुए हैं। वह कुछ अलग करते रहते हैं। हम लोगों को भी वह सिखा रहे हैं। उनकी कलाकारी बहुत अलग है। बहरहाल अनिल तांती जैसे कलाकारों को बेहतर प्लेटफार्म की जरूरत है। जिससे वह कुछ और बेहतर कर सकें और तरह-तरह की पेंटिंग बनाकर अपने आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकें।
रिपोर्ट-शयामानंद सिंह, भागलपुर