NEWSPR डेस्क। उद्योगपति, समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज जी का आज पुण्यतिथि है। जिसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि जमनालाल बजाज जी अंग्रेजों के विरोध में ‘राय बहादुर’पदवी त्याग कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नैतिक और आर्थिक बल देने वाले व्यक्ति थे।
बता दें कि जमनालाल बजाज 4 नवंबर 1889 को गरीब मारवाड़ी घर में पैदा हुए थे। आज के राजस्थान और तब की जयपुर रियासत के सीकर में। उन्होंने केवल चौथी कक्षा तक पढ़ाई की थी। जमनालाल जब 5 साल के थे, तब वर्धा के सेठ बच्छराज ने उन्हें गोद ले लिया। सेठ बच्छराज के पास बहुत संपत्ति थी, लेकिन जमनालाल को पैसे से प्यार नहीं था।
जमनालाल गांधीजी से बहुत प्रभावित थे। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटने के बाद गांधीजी ने जब साबरमती में आश्रम बनाया, तो जमनालाल उनके साथ आश्रम में ही रहे। 1920 में नागपुर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। उस अधिवेशन में जमनालाल ने अजीब सा प्रस्ताव रख दिया। इस प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि वो उनका 5वां बेटा बनना चाहते हैं और गांधीजी को अपने पिता के रूप में गोद लेना चाहते हैं। जमनालाल बजाज ने 1920 के दशक में शुगर मिल के जरिए बजाज ग्रुप की शुरुआत की। हालांकि, इसकी पूरी कमान उनके बड़े बेटे कमलनयन बजाज ने संभाली। जमनालाल आजादी की लड़ाई में लगे रहे। आज के समय में बजाज ग्रुप में 25 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 280 अरब रुपए से ज्यादा है।
11 फरवरी, 1942 को अचानक ही जमनालालजी का देहांत हो गया। उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी जानकीदेवी ने स्वयं को देशसेवा में समर्पित कर दिया।