NEWSPR डेस्क। बाढ़ में 10 साल पूर्व सरकार द्वारा विकास मित्र की बहाली हुई थी। जिसके लिए आज तक ना तो प्रखंड कार्यालय में बैठने की व्यवस्था है और ना ही नगर परिषद में ही। आज भी विकास मित्र जमीन पर ही बैठ कर काम करते हैं। किसी भी तरह का रिपोर्ट जमा करना होता है और वह रिपोर्ट गलत हो जाता है तो जमीन पर बैठकर ही दूसर रिपोर्ट तैयार करना पड़ता है।
विकास मित्र अपनी दर्द बयां करते हुए कहते है कि हमेशा से विकास मित्र उपेक्षा का शिकार होता है। तभी तो बिहार सरकार के आदेश के बाद भी नगर परिषद के आयुक्त द्वारा शौचालय निर्माण का काम पूरा करा देने के बावजूद भी एक सौ रुपए प्रति शौचालय नहीं दिया गया। जिससे विकास मित्र दुखी और आक्रोशित है। जबकि सरकार का यह आदेश था कि किसी भी वार्ड में शौचालय निर्माण का काम पूर्ण होने के बाद वहां के विकास मित्र को ₹100 प्रति शौचालय देने का प्रावधान है। लेकिन अभी तक स्थानीय अधिकारियों द्वारा उस पर अमल नहीं किया गया है। जबकि विकास मित्र बताते हैं कि सरकार द्वारा पैसा निर्गत कर दिया गया। उसके बावजूद भी अधिकारी उदासीन बने हुए हैं।
बाढ़ से अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट