गाजियाबादः भतीजी से हुए छेड़छाड़ का विरोध करने पर अपराधियों के गोली के शिकार हुए पत्रकार विक्रम जोशी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उनके भाई अनिकेत के अनुसार डॉक्टर ने उन्हें सुबह चार बजे इसकी जानकारी दी। वहीं पत्रकार की मौत के बाद यूपी सरकार लोगों के लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जहां प्रियंका गांधी ने राज्य में जंगलराज होने की बात कही है। वहीं मीडिया जगत में भी योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। सभी पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के लिए सरकार की भ्रष्ट कानून व्यवस्था को जिम्मेदार मान रहे हैं। मामले में राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा है, उनका कहना है कि अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दी गयी। शोकग्रस्त परिवार को मेरी सांत्वना। वादा था राम राज का, दे दिया गुंडाराज।
बेटियां साथ थीं
जानकारी के मुताबिक, सोमवार रात जब पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला हुआ तब उनकी दो बेटियां भी बाइक पर सवार थीं। बड़ी बेटी के मुताबिक, पापा बाइक चला रहे थे, इसी दौरान जब बाइक सड़क पर आई तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और बाइक गिरा दी। जब पापा ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे लोग पापा को मारने लगे। इस दौरान कार के पास ले जाकर एक हमलावर ने उनको गोली मार दी। इसके बाद हमला करने वाले फरार हो गए। इस घटना में परिजन की तरफ से 3 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इस बीच पत्रकार विक्रम जोशी पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने 6 पुलिस टीमें लगाई हैं। इसके साथ ही प्रताप विहार के चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।
गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में पत्रकार विक्रम जोशी पर बदमाशों ने जानलेवा हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 34,506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने 3 में 2 नामजद आरोपियों रवि और छोटू को पहले गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों के सात साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गाजियाबाद पुलिस ने रवि और छोटू के अलावा मोहित, दलवीर, आकाश, योगेंद्र, अभिषेक हलका, अभिषेक मोटा और शाकिर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को नामजद अभियुक्त आकाश बिहारी की तलाश है. जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।
‘पुलिस ने समय पर की होती कार्रवाई तो नहीं होता ये अंजाम‘
घायल पत्रकार विक्रम जोशी के भाई अनिकेत जोशी ने बताया कि तीन दिन पहले आरोपी युवकों ने उनकी भांजी पर अश्लील फब्तियां कसी थी, जिसको लेकर मारपीट भी हुई थी। भांजी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना की बाबत रिपोर्ट विजय नगर थाने में दर्ज कराई थी, जिसके बाद से उपरोक्त घटनाक्रम में आरोपी युवक लगातार धमकी दे रहे थे। मुकदमा होने के 3 दिन बाद तक उनके खिलाफ पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। इसी का नतीजा था कि उन्होंने विक्रम को घेरकर गोली मार दी।
सीसीटीवी में कैद हुई गोली मारने की घटना
विजय नगर में युवक विक्रम को गोली मारने की लाइव घटना सीसीटीवी में कैद हुई है, जिसमें युवक अपने बच्चों के साथ सड़क पर पैदल जाता दिखाई दे रहा है। तभी आधा दर्जन युवक बाइक से आते है और उसे घेर लेते है फिर उसके साथ मारपीट करते है। इसी दौरान एक युवक पिस्टल निकाल कर उसे सर में गोली मार देता है, जिसके बाद पत्रकार सड़क पर गिर पड़ता है। इसके बाद सभी हमलावर मौके से फरार हो जाते हैं। घटना बीती रात तकरीबन साढे 10 बजे की है। घटना के बाद पुलिस को इसकी जानकारी दी गई और घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
निशाने पर योगी सरकार
लगभग दस दिन पहले गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर लोग योगी सरकार की पुलिस की तारिफ कर रहे थे। लेकिन जिस तरह यूपी की राजधानी में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और अपराधियों ने पत्रकार की गोली मारकर हत्या की, उसके बाद योगी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्का छलक गया है। ज्यादातर लोगों ने यूपी की पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
मामले में योगी सरकार पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने लिखा है कि ‘गाजियाबाद NCR में है। यहां कानून व्यवस्था का ये आलम है तो आप पूरे यूपी में कानून व्यवस्था के हाल का अंदाजा लगा लीजिए। एक पत्रकार को इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि उन्होंने भांजी के साथ छेड़छाड़ की तहरीर पुलिस में दी थी। इस जंगलराज में कोई भी आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?’
उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा है कि ग़ाज़ियाबाद में अपनी बेटी के साथ बाइक पर जा रहे एक पत्रकार को गोली मारने से प्रदेश की जनता सकते में हैं. भाजपा सरकार स्पष्ट करे कि क़ानून-व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ानेवाले इन अपराधियों-बदमाशों के हौसले किसके बलबूते पर फल-फूल रहे हैं. उनके नवजीवन के लिए प्रार्थना!