NEWSPR डेस्क। औरंगाबाद में लोक आस्था, लोक उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत मंगलवार को नहाय खाय के साथ हो जाएगी। लेकिन चार दिवसीय इस अनुष्ठान की तैयारी में श्रद्धालु कई दिनों से जुड़े रहते। उसी कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण कार्य है नए गेहूं को धोकर सुखाना एवं जाते में पीसकर अर्घ्य के लिए प्रसाद बनाना शामिल है।
छठ पर्व को लेकर औरंगाबाद में चहल पहल देखी जा रही। मंगलवार को नहाय खाय से पहले आज सोमवार को महाप्रसाद जिसे अगरौटा के नाम से जाना जाता। उसकी तैयारी में महिलाएं जुट गयी है और जाते में गेहूं को पीसकर खरना एवं अर्घ्य के प्रसाद के लिए आटा एकत्रित कर रही है।
श्रद्धालु विंध्याचल देवी ने बताया कि यह पर्व लोक आस्था एवं विश्वास से जुड़ा हुआ है, जहां ग्रामीण परिवेश से जुड़ी सामग्रियों का ही प्रयोग किया जाता है। यही कारण है कि आज के कृत्रिम युग मे भी इस पर्व के दौरान प्रसाद बनाने के लिए जांता,मिट्टी के चूल्हा,आम की लकड़ी, नए चावल एवं नए गुड़ का प्रयोग किया जाता है।
औरंगाबाद से रूपेश की रिपोर्ट