दिव्यांगों को नहीं मिल रहा ट्राई साइकिल योजना का लाभ, पांच सालों से नौवीं का छात्र लगा रहा गुहार

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। केंद्र और राज्य सरकार दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन अभी भी बुनियादी तौर पर कुछ नहीं बदला। कुछ इसी तरह का मामला सारण से सामने आया है। जिले के मशरक प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंगरा पंचायत के बंगरा डीह टोला गांव में विक्रमा राय का 20 साल का पुत्र विकास कुमार दोनों पैर से दिव्यांग है। यह दिव्यांग पिछले पांच सालों से ट्राई साइकिल की मांग कर रहा है, लेकिन इस दिव्यांग की कोई सुन नहीं रहा है। वह दोस्तों की मदद से एक जगह से दूसरे जगह जा पाता हैं। विकास कुमार ने बताया कि हमने आवेदन दिया, तब लगा कि मुश्किल अब खत्म हो जाएंगी और अच्छे दिन सामने आएंगे। आवेदन दिए काफी समय गुजर गया, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। अब तो जिंदगी सिर्फ बोझ बनकर रह गई है। ऐसी जिंदगी से तो बढ़िया तों ईश्वर उसे मौत ही दे देता।

उसने बताया कि पंचायत के पहले वाले मुखिया से बोला तो उन्होंने बताया कि यह उनके बस की बात नहीं है। नये मुखिया जी से कहा तों लगता है उनके द्वारा घोषणाओं का लॉलीपॉप थमा दिया गया है। वहीं उसने बताया कि वह घर से थोड़ी ही दूरी पर बंगरा मध्य विद्यालय में आठवीं का छात्र है। अब उसे नौवीं वर्ग में जानें के लिए उच्च विद्यालय कर्ण कुदरिया में जाना पड़ेगा। जो उसके दोनों पैरो के लिए दिल्ली जाने के बराबर हैं। वहीं विकास की मां बताती है कि परिवार कृषि मजदूरी कर जीवन यापन करता हैं और बेहद गरीबी अवस्था हैं। यही वजह से ट्राई साइकिल खरीद नहीं पाए हैं। ट्राई साइकिल दिलाने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से बात भी की पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

अब दिव्यांग विकास जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक से उम्मीद लगाए बैठा है, कि ट्राई साइकिल मिल जाए तो हो रही परेशानी और बाधा दूर हो जाएगी। अब देखना ये है की स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन दिव्यांग विकास को साइकिल प्रदान करती हैं या उसके परेशानी ज्यो के त्यों रहती हैं। दिव्यांग विकास बताता है कि प्रखंड कार्यालय के गोदाम में ट्राई साइकिल पड़े हैं। वह मजबूर परेशान और अपनी तकलीफों को लेकर किसी की मदद से सरकारी चौखट पर एड़ियां रगड़ते पहुंच तो जाता है पर वहां उसे कोई पूछने वाला तक नहीं है। उसका स्थानीय विधायक, मुखिया और प्रखंड प्रशासन से सवाल हैं कि उसने सिर्फ एक ट्राई साइकिल की मांग की हैं कोई बड़ी चीज तो नही मांगी है अब तो‌ ट्राई साइकिल के अभाव में उसकी उच्च शिक्षा का सपना अधूरा रह जाएगा।

छपरा से मनीष की रिपोर्ट

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