NEWSPR डेस्क। आरा सदर अस्पताल की एक बार फिर लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं। जहां एक पिता अपनी 6 साल की बेटी के इलाज के लिए सदर अस्पताल का चक्कर लगाता रहा लेकिन उसकी मदद के लिए कोई सामने नही आया। आंखें नम कर देने वाली ये तस्वीर शुक्रवार शाम अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के पास की है।
शहर के रामगढ़िया निवासी फेरी लगाकर बिस्किट का कारोबार करनेवाले मुन्ना केसरी की 6 साल की बेटी शिवन्या केसरी अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी। तभी एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे ठोकर मार दी। जिससे उसका पैर टूट गया। शिवन्या के माता-पिता उसे बेहोशी की हालत में तत्काल लेकर आरा सदर अस्पताल पहुंचे, जहां शुरुआती इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे बच्ची के पैर का एक्सरे कराने के लिए भेज दिया। पिता ने बच्ची को ले जाने के लिए स्ट्रेचर खोजा लेकिन किसी ने उसे स्ट्रेचर उपलब्ध नही कराया। बच्ची की तबियत बिगड़ती देख मजबूर पिता उसे गोद मे लेकर ही एक्सरे कराने के लिए काफी देर तक सदर अस्पताल के चक्कर लगाता रहा।
बच्ची को गोद में लेकर और काफी देर तक इधर-उधर का चक्कर लगाने के बाद जैसे-तैसे मजबूर पिता सदर अस्पताल के एक्सरे सेंटर पहुँचा लेकिन यहां भी उसकी किस्मत ने उसका साथ नही दिया और लाइट चले जाने के कारण काफी देर के बाद बच्ची का एक्सरे हुआ। हालांकी इस दौरान उस मजबूर पिता को स्ट्रेचर तो क्या कोई छोटी सी मदद देने की भी जहमत किसी स्वास्थ्यकर्मी ने नहीं दिखाई। इससे स्वास्थ्य सिस्टम की बदहाली के बारे में पता चलता है।
आरा से आकाश कुमार की रिपोर्ट