NEWSPR डेस्क। आज काव्य रचना गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले विश्वविख्यात कवि रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती है। उनकी जयंती पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उनको याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी है। टैगोर का 7 मई सन् 1861 को कोलकाता में हुआ था। इनका दूसरा नाम गुरुदेव भी है।
सन् 1913 में रविंद्रनाथ टैगोर ने अपनी काव्य रचना गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल किया था। उनकी गीतांजलि की तीन कविताएं बेहद प्रसिद्ध है। टैगोर ने करीब 2,230 गीतों की रचना की है। इसके साथ ही वह संगीत बांग्ला संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। टैगोर के संगीत को उनके साहित्य से अलग नहीं किया जा सकता। उनके संगीत प्रेम और रचनाओं के कारण आज भी लोग उनहें याद करते हैं।
एक रचना कुछ इस प्रकार है…
बैठा हूं मैं, ताकि प्रेम के हाथों पकड़ा जाऊं…
बैठा हूं मैं, ताकि प्रेम के हाथों पकड़ा जाऊं
देरी हुई बहुत मैं दोषी हूं अनेकों दोषों से
विधि-विधान की रज्जु बांधने आती, मैं हट जाता
उस पर जो भी दंड मिले, मैं ग्रहण समुद्र कर लूंगा
बैठा हूं मैं, ताकि प्रेम के हाथों पकड़ा जाऊं
लोग किया करते जो मेरी निंदा, झूठ नहीं है,
शिरोधार्य कर उन सबको मैं रहूं सभी से नीचे
शेष हुई अब बेला, मेला रहा न क्रय-विक्रय का
आए थे, जो मुझे बुलाने वे सरोष अब लौटे
बैठा हूं मैं, ताकि प्रेम के हाथों पकड़ा जाऊं