रितेश रंजन
कटिहारः विधवा महिला से उसके पति के हिस्से की ज़मीन हड़पने के लिए देवर ने एक ऐसी साजिश रची है, जिसको सुनने के बाद किसी का भी कलेजा एक बार कांप जाए। देवर ने जमीन के लिए पहले अपनी भाभी को बदचलन साबित किया, फिर इतने से भी उसका दिल नहीं भरा तो उसने पंचायत के साथ मिलकर विधवा भाभी की मांग में एक शादीशुदा आदमी से जबरन सिंदूर डलवा दिया और इसके बाद दोनों को पंचायत का फरमान सुना दिया गया कि वो गांव छोड़कर चले जाएं। पंचायत के इस फैसले से व्यक्ति की मां की मौत हो गई। चौंकानेवाली बात यह है कि इस पूरे मामले में न तो ग्रामीण और न ही पुलिस ने कोई दखल दिया।
पंचायत के इस फरमान से शोक से हो गई उस व्यक्ति के माँ की मौत,लेकिन फलका थाना क्षेत्र के बरबरिया गाँव के इस घटना पर पुलिस सूना रही है दूसरी ही कहानी ,पंचायत का फैसला और पुलिस की भूमिका पर उठते सवालों के बीच कटिहार से एक रिपोर्ट।
उक्त मामला फलका थाना क्षेत्र के बरबरिया गांव का है, जहां रबरिया आदिवासी टोला की आरती देवी के पति का मौत तीन साल पहले हो गई थी। आरती देवी की तीन पुत्री है ,पति कुंजन सोरेन के मौत के बाद देवर छोटे लाल सोरेन उसपर जबरन गलत आरोप लगाते हुए उसके हिस्से के 6 बीघा जमीन हड़पना चाहता था ,इसीलिए गाँव के मरर(मुखिया) से मिलकर पंचायत बुलाते हुए अपनी भाभी को पंचायत में ही बदचलन साबित कर दिया और गाँव के ही सुभाष रमानी के साथ जबरन शादी करवाकर गाँव छोड़कर चले जाने की तालिबानी फैसला सुनाया।
गिड़गिड़ाती रही युवक की मां
इस पंचायती फरमान को लेकर युवक की मां ने विरोध किया तो उसके साथ भी मारपीट की गई। जिससे रोती गिड़गिड़ाती रही मां की बाद में मौत हो गई। इस घटना से दुखी सुभाष रमानी भी कहते हैं की वो विधवा आरती देवी के 06 बीघा खेत पर अधिया में खेती करते थे ,मगर बेवजह उन दोनों को बार बार मिन्नत करने के बाद भी भरी पंचायत में जबरन शादी करवा दिया गया है। उसका कहना था कि पुलिस मामले को जमीनी विवाद और सुभाष के माँ की मौत को सामान्य मौत बता रही है।
पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध
फलका पुलिस ना जाने क्यों और किसके दवाव में ज़मीनी विवाद के हवाला देते हुए तालिबानी पंचायत की पूरी घटना को रफा-दफा करने के मूड में हैं ,इसके लिए पुलिस अपने हाथ को मजबूत करने के लिए सुभाष रमानी से उसकी माँ की मौत सामान्य कारण से होने की लिखित कागज़ रखने की बात भी कह रहे हैं ,सवाल ये उठता है मौत जब सामान्य है तो कागज़ की आखिर कट जरुरत ,कहीं पुलिस सब कुछ जानते हुए कुछ छुपाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं। ,इसपर तो तफ्तीश होनी ही चाहिए।