NEWSPR डेस्क। खबर मुंगेर से है। जहां बहुचर्चित एके 47 प्रकरण 5 सालों के बाद पुनः सुर्खियों में है। पर इस बार सुर्खियों में इस लिय है की 5 साल के बाद पहली बार मुंगेर न्यायालय ने कोतवाली थाना कांड संख्या 555/18 में सुनवाई करते हुए एडीजे 7 बिपिन बिहारी रॉय ने 12 अभियुक्तों के खिलाफ अंतिम सुनवाई करते हुए दो अभियुक्त इरशाद और सत्यम को दोषी करार दिया। जिसमें सजा के बिंदु पर अगली तारीख को सुनवाई की जाएगी। तो वहीं साक्ष्य के अभाव में 3 महिला सहित 10 को रिहा कर दिया। रिहा सभी अभियुक्तों को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। क्योंकि AK47 मामले में दर्ज अन्य 7 मामलों में भी इन अभियुक्तों का नाम शामिल है ।
मुंगेर जो की देश के बहार भी अवैध हथियारों की मंडी के रूप में विख्यात है और पिछले साल मुंगेर में एक – एक करके लगातार जमीन से लेकर कुएं के अंदर और नालों से 22 AK47 राइफलों और उसके पार्ट्स की बरामदगी ने दिल्ली तक की नींद हराम कर दी थी। इस AK47 प्रकरण के जाँच में ये सामने आया की सभी राइफल मध्यप्रदेश एक सीओडी (सेन्ट्रल ओडीनेंस डिपो ) जहाँ सेना के हथियारों को रखा जाता है से गायब है। इस में सेना के जवान सहित सीओडी के कर्मी और ऑफिसर भी शामिल है।
जाँच में खुलासा के बाद मुंगेर से लेकर एमपी और झारखण्ड तक पुलिस के द्वारा छापेमारी का सिलसिला शुरू हुआ। जिसमें सेना के जवान, सीओडी के अधिकारी और कर्मी की गिरफ्तारी हुई। जब गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस के समक्ष अपना बयान में सीओडी से करीब 60 से 70 एके 47 राइफलों के गायब होने की बात सामने आई। जिसके बाद पुलिस ने अपनी जाँच आगे बढ़ाई।
इस मामले में पुलिस ने जिले के विभिन्न थानों में 8 केस दर्ज की। जिसमे से एक केस की जाँच का जिम्मा को देश की सर्वोच्य जाँच एजेंसी एनआईए को सौपीं गई। फिर शुरू हुआ गिरफ्तारी का सिलसिला और करीब एनआईए पुलिस ने इस मामले में 3 दर्जन से ज्यादा अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर जेल भेजने का काम किया। पर पुलिस के द्वारा लाख प्रयास के बावजूद भी 22 से ज्यादा एके 47 राइफलों की बरामदगी नहीं कर सकी लेकिन बाकी बचे 40 से 50 एके 47 अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट