बिहार: जिप सदस्यों ने सदर अस्पताल में लगाया भारी गार्ड घोटाले का आरोप, अस्पताल में केवल 3 गार्ड, पेपर पर भुगतान 15 को दिया जा रहा

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। अक्सर घोटालों को लेकर सुर्खियों में रहने वाला सदर अस्पताल इस बार गार्ड घोटाला को लेकर सुर्खियों में है। इसका पोल उस वक्त खुला जब जिला परिषद के सदस्य सदर अस्पताल भभुआ का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। निरीक्षण के दौरान पाया कि अटेंडर्स रजिस्टर में 15 सिक्योरिटी गार्ड का हस्ताक्षर ना जाने कितने महीनों से बनता चला आ रहा है। जो शाम 4 बजे से पूरी रात ड्यूटी पर हैं। लेकिन सदर अस्पताल भभुआ में तीन गार्ड ड्यूटी बजा रहे हैं और बाकी गार्ड कहां गायब हैं यह बताने वाला कोई नहीं है।

जबकी भुगतान 15 गार्ड का किया जा रहा है। ड्यूटी तीन लोगों का और वेतन भुगतान 15 लोगों का। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य महकमा में गार्ड घोटाला कितने दिनों या फिर यूं कहें कितने महीने से जारी है। जिला परिषद सदस्यों का औचक निरीक्षण और मामले का उजागर होना सबसे बड़ी बात है। अब देखना यह होगा कि जिला पार्षदों का औचक निरीक्षण में किन-किन घोटालों का अभी और पर्दाफाश सामने उजागर होता है।

जिले में तमाम पदाधिकारी हैं। स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, डीपीएम मौजूद हैं। जो अस्पतालों का लगातार मॉनिटरिंग करते रहते हैं। इन गार्ड वेतन भुगतान के नाम पर काफी घोटाला किया जा रहा और सरकार की नजरों में धूल झोंकने का प्रयास खूब किया जा रहा है। आखिर कब तक इस पर सरकार और प्रशासन के लोग चुप्पी साधे रहेंगे। दूसरा मामला सामने आया कि भभुआ शहर में बिजली 22 घंटा रहती है फिर भी जनरेटर का बिल इन लोगों के द्वारा 6 से 8 घंटे प्रतिदिन का बनाया जा रहा है और बिल का भुगतान किया जा रहा है।

जब बिजली 20 घंटे से अधिक रह रही है तो जनरेटर चलाने की आवश्यकता इनको क्यों महसूस पड़ी। अनुमंडल अस्पताल मोहनिया में जांच करने के लिए हमारी टीम पहुंची। तो वहां स्वास्थ्य विभाग का खाना खिलाने का रजिस्टर मांगा गया। रजिस्टर भी नहीं दिखाया गया और जब मरीजों से पूछा गया तो उन्हें सिर्फ दाल चावल और सब्जी मिलता है। जबकि मीनू में अलग-अलग खाना देने का प्रावधान है। उसी तरह अनुमंडल अस्पताल मोहनिया में भी जांच के दौरान पाया गया कि 12 गार्ड रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर रहे हैं पर मौके सिर्फ छह गार्ड हीं मौजूद हैं।

सिविल सर्जन ने बताया कि 3 गार्ड ड्यूटी कर रहे हैं जबकि हस्ताक्षर 15 गार्ड का बना है। मैं पता कराति हूं कि जब ड्यूटी यहां करने के लिए उन्होंने हस्ताक्षर किया है तो बाकी और गार्ड कहां है। अगर हस्ताक्षर किया है वह नहीं होंगे तो उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि यह कार्रवाई का सिलसिला आखिरकार मौखिक कब तक थमने का नाम लेगा या फिर यूं ही घोटाले और घोटालों बाजो पर कार्रवाई कैसे हो और कब होती है।

कैमूर से ब्रजेश दुबे की रिपोर्ट

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