NEWSPR डेस्क। बीते मंगलवार को पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के काली मंदिर रोड में अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के दो सगे भाइयों को गोलियों से भून दिया था जिसमे दोनों सगे भाइयों की मृत्यु हो गई इस मामले में कुल 6 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था जिसमें नीमा गांव के रहने वाले बबलू सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. और बाकी बचे पांच अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस छापेमारी कर रही है. बताया जा रहा है वर्ष 1992 में पटना के एक समुदाय विशेष के पांच व्यक्तियों के द्वारा कथित रूप से नक्सलियों के विरोध एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षा के नाम पर पांडव सेना नामक एक संगठन बनाया गया था. इस पांडव सेना का चीफ संजय सिंह था.
इस गिरोह ने उपरोक्त कार्य के नाम पर भारी मात्रा में हथियारों एवं चंदा के रूप में धन एवं संपत्ति जमा किया। इन कामों के अलावा यह संगठन विभिन्न तरीके से क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम करने लगा एवं अपराधिक जैसे कि रंगदारी व्यवसायियों को सुरक्षा इत्यादि के नाम पर वसूली, सुपारी लेना, हत्या करना, टेंडरों में अपना रंगदारी इत्यादि में संलिप्त हो गया. वही इस गिरोह में वर्चस्व एवं अवैध रूप से अर्जित संपत्ति के लेकर आपस में मतभेद हो जाने के कारण इस गिरोह में फूट पड़ गई. गिरोह के दो सदस्यों बबलू सिंह और अशोक सिंह की हत्या 2004 के अक्टूबर में गढ़वा (झारखंड) में इसी कारण कथित रूप से कर दी गई. तथा गिरोह के तीसरे सदस्य विपिन शर्मा की दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
साल 2004 में माननीय पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोध कांत सहाय के पुत्र और प्रसिद्ध वकील प्रशांत सहाय को हजारीबाग न्यायालय परिसर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. जिस केस में संजय सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. संजय सिंह को संदेह हो गया था कि इस हत्याकांड में उनकी संलिप्ता के बारे में पुलिस को पूर्व विधायक श्री चितरंजन सिंह ने सूचना दिया है. इसी के बाद पांडव सेना के दो सदस्य संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच पूर्व से चले आ रहे मतभेद और वर्चस्व की लड़ाई हिंसक रूप ले लिया और इस क्रम में दोनों गुट के बीच लगभग एक दर्जन से ज्यादा हत्या एवं हत्या के प्रयास के कारण विभिन्न जिलों में मामला दर्ज है. हलाकि अभी भी 5 अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. पुलिस जल्द ही सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लेगी.