NEWSPR डेस्क। बिहार समेत देश भर में धूम-धाम से गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा। आज सभी भक्त गंगा स्नान करके पूजा-अर्चना करेंगे। इसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने समस्त बिहारवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। इसके साथ ही सबके लिए सुख और शांति की प्रार्थना की है। भारत में गंगा दशहरा गंगा नदी की पूजा करने के लिए मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में गंगा को देवी के रूप में माना जाता है। गंगा दशहरा तो गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि राजा भागीरथ द्वारा तपस्या के बाद आकाश से पृथ्वी पर गंगा अवतरीत हुई थी और इसी दिन को गंगा दशहरा के रुप में मनाया जाता है। साथ ही हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पवित्र गंगा के आगमन ने पृथ्वी को शुद्ध औऱ पवित्र किया है। गंगा दशहरा का यह उत्सव 10 दिनों का होता है। जो कि निर्जला एकादशी से एक दिन पहले शुरू होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। वहीं ग्रैगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह दिन मई या जून के महीने में आता है। इस बार यह पर्व 9 जून गुरुवार को आ रहा है। यह दशमी तिथि 9 जून को सुबह 8:21 से शुरू होकर 10 जून को सुबह 7:25 पर समाप्त होगी। इसके साथ ही यह माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा का दिन कीमती सामान, नए वाहन या संपत्ति खरीदन के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी के किनारे खड़े होकर गंगा स्त्रोत का पाठ करने से सारो पापों से मुक्ति मिलती है।
गंगा दशहरा 10 भाग्यशाली वैदिक गणनाओं का प्रतिनिधितिव करता है। इसके अनुसार विचारों, कर्मों और शब्दों से संबंधित 10 पापो को धोने की गंगा की क्षमता प्रदर्शित करता है। गंगा दशहरा के दिन 10 अंक का बहुत महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि 10 की गिनती में सब कुछ अर्पित करना चाहिए जैसे 10 फूल, 10 अगरबत्ती, 10 फल आदि। इसके साथ ही दस की संख्या में दान भी देना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन भक्त अपने सभी पापों को धोने के लिए पवित्र गंगा नदी में 10 डुबकी लगाते है। इसके लिए लोग वाराणसी, हरिद्वार और इलाहाबाद जाते है।