NEWSPR डेस्क। शनिवार को मानसून के आगमन के साथ ही पटना नगर निगम अलर्ट मोड पर आ चुका है। किसी भी इलाके में जल निकासी संबंधित कोई समस्या ना हो, इसका अधिकारियों द्वारा स्वयं निरीक्षण किया जा रहा है। बीते सालों में पटना में हुए जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए इस वर्ष पटना नगर निगम द्वारा कई स्थाई एवं अस्थाई उपाय किए गए हैं।
जिसकी बदौलत पटना के इलाकों में जलजमाव की समस्या अभी तक नहीं देखने को मिली है। नाला निर्माण, नाला उड़ाही एवं बुडको, जिला प्रशासन, वन विभाग, पथ निर्माण विभाग समेत सभी एजेंसियों के साथ सामंजस्य की बदौलत पटना नगर निगम द्वारा अधिकतर क्षेत्रों को रविवार दोपहर तक जल जमाव से मुक्त कर लिया गया। पटना नगर निगम द्वारा सभी अंचलों में ऐसे जगहों का चयन किया गया था जहां कम वर्षा के बाद भी जलजमाव की समस्या होती थी।
कई स्थाई समस्याओं का किया गया समाधान
विधानसभा परिसर में जलजमाव की समस्या देखने को मिलती थी जिसका इस वर्ष स्थाई समाधान किया गया है। नाला का निर्माण कर सरपेंटाइन नाले इसे कनेक्ट किया गया है इसके साथ ही आसपास के इको पार्क एयरपोर्ट आदि के इलाकों में भी जलजमाव की समस्या नहीं होगी। वहीं मोहनपुर नाले को राजवंशी नगर से जोड़ा गया है जिससे राजवंशी नगर शास्त्री नगर विद्युत कॉलोनी सहित कई इलाकों में जलनिकासी में सुविधा होगी।
इंदिरा भवन के पास नाले का निर्माण कर उसे बोरिंग कैनाल रोड से कनेक्ट किया गया है। विकास भवन के पास के इलाके को सरपेंटाइन नाला से कनेक्ट किया गया है जिससे वहां जल निकासी आसानी से हो जाए। दो पुलवा एवं तीनपुलवा के पास नाले का निर्माण कर उसे संप से कनेक्ट किया गया है। अस्थाई व्यवस्था के लिए पटना नगर निगम द्वारा मॉनसून के QRT क्विक रिस्पांस टीम 24×7 एक्टिव है। पटना नगर निगम के पदाधिकारियों द्वारा ट्रायल के रूप में रविवार रात्रि 11 बजे से लेकर 1 बजे तक में विशेष जांच की जाएगी कॉम्बैट सेल से लेकर संप हाउस हर स्तर पर जहां भी मॉनसून की टीम तैनात की गई है उसकी जांच नगर आयुक्त द्वारा की जाएगी।
पटना नगर निगम में कंकड़बाग अंचल अंतर्गत पीसी कॉलोनी, संजय गांधी नगर, भागवत नगर, बांकीपुर अंचल अंतर्गत राजेंद्र नगर, बकरी मंडी, जनक किशोर रोड, पाटलिपुत्र अंचल अंतर्गत इंद्रपुरी, राजवंशी नगर, जजेज आवास,पाटलिपुत्र कॉलोनी, अजीमाबाद अंचल अंतर्गत बिस्कोमान कॉलोनी, गुलजारबाग हाट आदि क्षेत्र को कुछ समय में ही जमाव से मुक्त किया गया। कई अंदरूनी इलाकों में विभिन्न क्षमता के पंप के माध्यम से एवं आवश्यकतानुसार कच्चा नाला काटकर जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई जिससे कम से कम समय में क्षेत्रों को जलजमाव से मुक्त करने में सफलता मिली।