लक्ष्मी-नारायण मंदिर में उपद्रवियों ने की तोड़फोड़, रात में लगाया विवादित झंडा, अज्ञात पर केस दर्ज

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। अररिया के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के राजपूत टोल स्थित लक्ष्मी-नारायण मंदिर में मंगलवार की देर रात्रि असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर में स्थापित प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ व ध्वज के साथ छेड़छाड़ करते हुए विवादित झंडे को रख दिया गया. जिस कारण बुधवार की सुबह से ग्रामीणों में काफी तनाव उत्पन्न है. हालांकि बेहद ही होशियारी से माहौल को सामान्य कर लिया गया है.

रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के पूर्व मुखिया सह वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार सिंह ने घटना व लोगों के बीच पनपे आक्रोश की सूचना प्रशासन को दी जिसके बाद वरीय पदाधिकारी में एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार, बीडीओ आशुतोष कुमार, सीओ गोपीनाथ मंडल व नगर थानाध्यक्ष शिव शरण साह ने मामले की जानकारी ली और मुखिया, पूर्व मुखिया, सरपंच सहित ग्रामीणों के साथ बैठक की व मामला को शांत कराया.

मिली जानकारी के अनुसार रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार सिंह व ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार की सुबह जब आम दिनों की तरह ही ग्रामीण जगकर मंदिर की ओर आये तो देखा कि लक्ष्मी-नारायण मंदिर में स्थापित विष्णु भगवान व साथ में उनके माथे पर स्थापित शेषनाग की प्रतिमा के पांच मुख में से मुख्य मुख को किसी असमाजिक तत्व द्वारा तोड़ दिया गया है. साथ ही मंदिर परिसर में हनुमान भगवान के समक्ष स्थापित ध्वज को तोड़ते हुए उसमें लगे ध्वज पताका को फाड़ दिया गया.

असमाजिक तत्वों ने विष्णु-शेषनाग भगवान की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ कर उस जगह पर विवादित झंडा लगा दिया. इसके बाद सूचना पर पहुंचे एसडीओ, एसडीपीओ सहित अन्य पदाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आसपास की जगह पर जांच के लिए पहुंचे. इसी जांच के दौरान रामपुर कोदरकट्टी के पंचायत भवन के समीप हटिया स्थित मदरसा में पहुंच कर मौलवी से भेंट किया. मदरसा में मौलवी ने बताया कि मंगलवार की रात्रि विश्राम के दौरान किसी असमाजिक तत्व द्वारा रात के अंधेरे का फायदा उठाकर मदरसा परिसर से धार्मिक झंडा को गायब किया गया है. वैसे ही असमाजिक तत्व के द्वारा गायब झंडे को मंदिर परिसर में रखा गया है.

इस जानकारी के बाद मंदिर परिसर में रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि मो. शहजाद आलम, सरपंच व हिंदू-मुस्लिम संप्रदाय के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक करते हुए वरीय पदाधिकारियों ने मामले को शांत कराया. मामले को शांत कराने में दोनों संप्रदाय के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा. वरीय पदाधिकारियों ने कहा कि जल्द से जल्द मामले का उद्भेदन कर ऐसे असमाजिक तत्व को हिरासत में लिया जाएगा.

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