NEWSPR डेस्क। एक तरफ बिहार सरकार दुर्गम क्षेत्रों में भी गंगाजल पहुंचा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ शहर के कहलगांव की बटेश्वर पंप नहर योजना 45 वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। इसके लिए 1997 में ही नींव रखी गई थी। फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन भी किया लेकिन 8.80 इस योजना का लाभ किसान नहीं उठा सके।
2016 में जल संसाधन मंत्रालय के सलाहकार समिति ने 828.80 करोड रुपए पुनरीक्षित लागत में मंजूरी दी थी। इसमें बिहार सरकार को लगभग 637 करोड व झारखंड सरकार को 191.85 करोड़ खर्च के लिए मिला। इससे बिहार के 22716 वह झारखंड के 4887 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। लेकिन इसकी शुरुआत को लेकर सिर्फ बातें हुईं किसान इससे लाभान्वित नहीं हो सके। पंप हाउस के मोटरों मशीनों पर धूल जम चुका है।
रिपोर्ट: श्यामानंद सिंह भागलपुर