NEWSPR डेस्क। पटना फुलवारीशरीफ में आतंक की पाठशाला चल रही थी. मार्शल आर्ट व शारीरिक शिक्षा के नाम पर देश विरोधी अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. दिल्ली आइबी के इनपुट पर फुलवारीशरीफ की पुलिस टीम ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन सिमी के पूर्व सदस्य अतहर परवेज और झारखंड पुलिस से रिटायर्ड दारोगा मो जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों फिलहाल पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) के सक्रिय सदस्य हैं. इनके पास से पीएफआइ का झंडा, पंपलेट, बुकलेट व गुप्त दस्तावेज के साथ ही 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से जुड़े दस्तावेज मिले हैं.
परवेज फिलहाल फुलवारी के गुलिस्तान मोहल्ला में रह रहा था और रिटायर्ड दारोगा मो जलालुद्दीन के आमद पैलेस नया टोला में 16 हजार में किराये का फ्लैट लेकर पीएफआइ व एसडीपीआइ का कार्यालय खोल रखा था. यहीं से देशी विरोधी संचालित कर रहे थे और मो जलालुद्दीन को भी इसकी पूरी जानकारी थी. एएसपी के अनुसार पुलिस इस मामले में इडी से भी मदद लेगी. एएसपी ने बताया कि उनके खिलाफ कई पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद ही यह गिरफ्तारी हुई है.
एएसपी ने बताया कि पकड़े गये दोनों सिमी के सभी अभियुक्तों की जमानत कराते रहे हैं. साथ ही स्थानीय, जिला स्तर, राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर के पीएफआइ व एसडीपीआइ के सक्रिय सदस्य के रूप में आयोजित बैठकों में भाग लेते रहे हैं. ये बैठकों में लोगों के बीच सांप्रदायिकता व देश विरोधी जहर भरने के काम में शामिल थे. छह व सात जुलाई को अपने मकान में स्थित पीएफआइ कार्यालय में मार्शल आर्ट व शारीरिक शिक्षा के नाम पर देश विरोधी अस्त्र-शस्त्र की ट्रेनिंग, धार्मिक उन्माद फैलाने व आतंकवादी गतिविधि करने की बातें भी सामने आयी हैं. इन दो दिनों के अंदर कई लोगों को प्रशिक्षित किया गया.
सूत्रों का कहना हैकि देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की समेत अन्य इस्लामिक देशों से करोड़ों की फंडिंग होने व इनके खातों में रकम आने की भी जानकारी मिली है. फुलवारी एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर पूर्व में पटना में हुए बम ब्लास्ट जैसी आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. मंजर परवेज फिलहाल जेल में है. ये लोग आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के साथ ही उसमें शामिल लोगों को जमानत भी कराते थे.
एडीशनल एसपी ने बताया कि ये संगठन की आड़ में देश विरोधी कार्य में लगे हुए थे. अतहर एसडीएफआइ नाम का एक संगठन बना कर उसकी आड़ में सिम्मी के पुराने सदस्यों को एक जुट कर उनको हर तरह का प्रशिक्षण देता था. ये लोग विजन 2047 के तहत कार्य कर रहे थे, जिसमें भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया था. इनके पास केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों से छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे. ये लोग अपने संगठन से जुड़े लोगों को देश में उन्माद फैलाने, जातीय विद्वेष फैलाने व एक समुदाय विशेष के प्रति धार्मिक कट्टरता पैदा करने सहित देश के विरुद्ध हर तरह की कट्टरपंथी और आतंकी गतिविधियों को संचालित करने में जुटे हुए थे.