NEWSPR डेस्क। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी नामांकन में हुई धांधली के खिलाफ तथा नामांकन को रद्द कर धांधली में संलिप्त लोगों के ऊपर कारवाई की माँग को लेकर जन अधिकार छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह के नेतृत्व में काला पट्टी बांधकर शहर के चरखा पार्क से चाँदमारी चौक तक मार्च निकाला कर प्रदर्शन किया।
इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर जन अधिकार पार्टी (लोक) के छात्र जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के जूलॉजी और मीडिया अध्ययन विभाग में पीएचडी का नामांकन सारे नियमों को दरकिनार कर गलत तरीके से किया गया है। जिसका पर्दाफाश बीते दिनों प्रेस वार्ता कर किया गया था। जाप के छात्र जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पिछड़ा और अतिपिछड़ा के सीटों को खत्म कर मनमानी तरीके से पैसे लेकर और बड़े नेताओं के दबाव में आकर कम नम्बर वाले किसी खास विचारधारा मानने वाले लोगो का नामांकन किया गया है।
जाप के छात्र जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि धांधली का पर्दाफाश होने के बाद नामांकन को रद्द कर दोषियों के ऊपर कारवाई करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को दबाने और लीपापोती करने में लगी हुई है और डीआरसी के सदस्यों पर बैक डेट में साइन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। छात्र नेता सिंह ने कहा कि डीआरसी के सदस्यों द्वारा साइन करने से मना करने के बाद एक्सपर्ट को पैसा देकर मेल के माध्यम से नयी मेरिट लिस्ट बनवाया गया।
नामांकन के पाँच दिन बाद साइन करवाया गया। जाप के छात्र जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष की मेल और एक्सपर्ट के मेल की जाँच की मांग किया। वहीं छात्र नेता ने कहा कि जूलॉजी विभाग में एससी वर्ग के लिए आरक्षित दो सीटें थी ,जिसमे एक छात्रा की नाम मेरिट लिस्ट में आने के बाद भी किस नियम से नामांकन नहीं किया गया। यह बहुत बड़ी धांधली है। जाप के छात्र जिलाध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने कहा कि पीएचडी नामांकन में हुई धांधली का सारे सबूतों के साथ पर्दाफाश होने के बाद अभी तक नामांकन को रद्द कर दोषियों के ऊपर कारवाई नही होना विश्वविद्यालय प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रही है।
क्या ये धांधली विश्वविद्यालय प्रशासन के संरक्षण में हुआ है? जाप के छात्र जिलाध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अविलम्ब नामांकन को रद्द करते हुए दोषियों के ऊपर कारवाई करे और पुनः निष्पक्ष तरीके से नामांकन ले अन्यथा आंदोलन अनवरत चलते रहेगी , आगे विश्वविद्यालय की तालाबंदी की जायेगी और आमरण अनशन किया जायेगा।
मोतिहारी से धर्मेंद्र की रिपोर्ट