NEWSPR डेस्क। पटना में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस के अवसर पर आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं और बुनकर भाईयों को विशेष तौर पर बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 7 अगस्त 1905 को स्वदेशी अभियान की शुरूआत की गयी थी ताकि देश के लोग अपने देश में बने सामानों का ही उपयोग कर सकें और स्वदेशी सामानों को बढ़ावा दिया जा सके। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस मनाने का निर्णय लिया। बिहार में 7 अगस्त 2018 को पहली बार हस्तकरघा दिवस का आयोजन किया गया।
कोरोना के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसका आयोजन नहीं हो सका। आज एक बार फिर से इसका आयोजन किया गया है, इसको लेकर मुझे काफी खुशी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सदैव मंशा रही है कि हस्तकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया जाये ताकि बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। राज्य सरकार ने इसके लिए अनेक कदम उठाये हैं। बिहार के अस्पतालों में बुनकरों द्वारा तैयार की गयी सतरंगी चादर का इस्तेमाल किया जा रहा है सातों दिन अलग-अलग रंग के चादरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुझे जानकारी दी गयी है कि अब तक 7 लाख से अधिक सतरंगी चादरें बनायी गयी हैं। विभिन्न जगहों पर जाकर मुझे बुनकरों से मिलने का मौका मिला है। इसी दौरान पता चला कि ये लोग हस्तकरघा पर चादर का उत्पादन नहीं करते हैं क्योंकि उनके लूम का फ्रेम साइज छोटा है जबकि चादर बनाने के लिए बड़े और चौड़े फ्रेम की जरूरत है।
इसी को ध्यान में रखते हुए बुनकरों को 68 इंच के बड़े फ्रेमलूम को खरीदने के लिये राज्य सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस राशि से बुनकर अपने पुराने हस्तकरघों को 68 इंच बड़े फ्रेमलूम में परिवर्तित कर रहे हैं। इससे वस्त्र निर्माण और अधिक होगा, उसकी मांग बढ़ेगी और बुनकरों को इसका लाभ मिलेगा। अभी तक 381 बुनकरों ने इसका लाभ लिया है। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बुनकर इसका लाभ उठायें।