NEWSPR डेस्क। एक साथ पटना पुलिस के 5 सिपाहियों को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ रिश्वत लेकर शराब तस्कर को छोड़ने के मामले में FIR दर्ज की गई है और फिर गिरफ्तार किया गया। इनके दो मददगारों को भी पकड़ा गया है। जिसमें एक दलाल है तो दूसरा दुकानदार। रिश्वत की रकम ऑनलाइन पेमेंट के जरिए दुकानदार के मोबाइल पर ही आई थी। इस लिए दुकानदार के मोबाइल को भी जब्त किया गया है। यह मामला पटना में दीदारगंज थाना का है।
मंगलवार को पटना के SSP मानवजीत सिंह ढ़िल्लों ने किए गए इस कार्रवाई की पुष्टि की है। जिन सिपाहियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अमरेंद्र कुमार अमर, विजय कुमार पासवान, राजकुमार, लक्ष्मण कुमार, विशाल कुमार सिंह शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ अब डिपार्टमेंटल कार्रवाई भी होगी। मददगार के रूप जिन्हें पकड़ा गया है उनमें दलाल प्रमोद कुमार और दुकानदार विकास कुमार शामिल हैं। कुल 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
SSP के अनुसार इस मामले की शुरुआत रविवार को होती है। कंकड़बाग रोड नंबर एक के रहने वाले फिरोज आलम 15 अगस्त दिन के लिए पार्टी की तैयारी कर रहा था। पार्टी के लिए शराब चाहिए थी। वो फतुहा के जेठुली में अपने दोस्त प्रवीण कुमार के साथ गया। वहां जाकर 20 बोतल शराब उसने खरीदी। शराब से भरी बोतलों को स्कूटी में रख कर वो वहां से चला। वैसे ही जेठुली के मनीष कुमार नाम के शख्स ने दलाल प्रमोद कुमार को इसकी सूचना दी। फिर उसने दीदारगंज चेक पोस्ट के सिपाही लक्ष्मण कुमार कुमार को कार्रवाई करने को कहा। लक्ष्मण ने सिपाही विशाल कुमार सिंह के सहयोग से शराब लेकर स्कूटी से जा रहे फिरोज को शराब के साथ पकड़ लिया। उसे चेकपोस्ट पर ले गया। उस समय चेकपोस्ट पर दो सिपाही विजय पासवान और राजकुमार भी मौजूद थे।
चारों सिपाहियों ने फिरोज से बरामद शराब और स्कूटी छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपए की डिमांड कर दी, पर डील 30 हजार रुपए पर हुई। फिरोज ने अपने दोस्त प्रवीण को कॉल कर 20 हजार रुपए लेकर आने को कहा। साथ ही 11 हजार रुपए अपने मोबाइल के वॉलेट में भेजने को कहा। जैसे ही वॉलेट में ये रुपए आए उसे सिपाही लक्ष्मण ने चेक पोस्ट के बगल के दुकानदार विकास कुमार के नंबर पर भेज दिया। लक्ष्मण उस दुकान पर गया और उससे वह रकम अपने घर के मोबाइल वाले वॉलेट में ट्रांसफर करवा दिया। इसके बाद प्रवीण ने फिर 10 हजार रुपए की व्यवस्था की और प्रमोद से कांटैक्ट किया। जिसकी सूचना पर फिरोज आलम को पकड़ा गया था। प्रवीण ने प्रमोद को 10 हजार रुपए दिए। फिरोज को छुड़ाने के लिए कहा। प्रमोद ने लक्ष्मण से बात की और चेकपोस्ट के बाहर बाकी बचे 10 हजार रुपए का भुगतान कर दिया।
रुपए लेने के बाद भी पुलिस के सिपाहियों ने पैंतरेबाजी की। सिर्फ तस्कर फिरोज को छोड़ दिया। जबकि, उसकी स्कूटी और उसमें रखी शराब से भरे बोतलों को जब्त कर लिया। चालबाजी करते हुए इसकी सूचना भी दीदारगंज थाना को भी दे दिया। जिसके आधार पर थाना में 7 अगस्त को केस दर्ज हो गया। ASI रविरंजन कुमार को इसका IO बनाया गया। जब इन्होंने अपनी जांच शुरू की तो सिपाहियों की असलियत का पता चला। शराब ले जाने वाले तस्कर को पकड़ने के बाद रुपए लेकर छोड़ दिया था। तब IO ने पूरी जानकारी थाना को दी। फिर सभी सिपाहियों से पूछताछ हुई। जिसमें वो इंकार करने लगे।
हेलमेट लेने के लिए उसी दिन शाम में फिरोज अपने दोस्त प्रवीण के साथ वापस दीदारगंज चेकपोस्ट आया। उस समय वहां सिपाही विजय पासवान था, उसने पांचवें सिपाही अमरेंद्र कुमार अमर को बुलवा लिया। वहीं, पर लक्ष्मण ने उस 10 हजार रुपए का हिसाब दिया जो फिरोज के दोस्त ने प्रमोद को दिया था। रुपयों के बंटवारे को लेकर इनका आपस में ही मनमुटाव हो गया। इस बीच फिरोज वहां से भागने की कोशिश में था, पर उसे सिपाहियों नेक पकड़ लिया और ले जाकर थाना को सौंप दिया। फिर वहीं पर केस के IO ने फिरोज से पूछताछ की। तब उसने सारा राज उगल दिया। फिर सोमवार को पुलिस ने दुकानदार को पकड़ा। उसने भी पूरी बात बताई। जिसके बाद पूरा मामला साफ हो गया।