NEWSPR डेस्क। पटना में आज शहीद दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक परिसर में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि 11 अगस्त 1942 को आजादी के मतवाले सात अमर शहीद यथा उमाकांत प्रसाद सिंह, रामानन्द सिंह, सतीश प्रसाद झा, जगतपति कुमार, देवी प्रसाद चौधरी, राजेन्द्र सिंह, राम गोविन्द सिंह की दी गई कुर्बानियों को याद किया गया और उन्हें शत्-शत् नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष -सह- सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री-सह-विधायक विजय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री – सह – विधान पार्षद अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री-सह-विधान पार्षद संजय कुमार झा, पूर्व मंत्री – सह – विधायक श्रवण कुमार, पूर्व मंत्री-सह-विधायक जयंत राज, पूर्व मंत्री – सह – विधायक शीला कुमारी, सहित कई लोग मौजूद थे।
इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा बिहार गीत एवं देशभक्ति गीतों का गायन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया- क्या उपराष्ट्रपति नहीं बनाए जाने के कारण आपने एन०डी०ए० छोड़ा? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी उपराष्ट्रपति बनने की बात बोगस है। हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमलोगों की पार्टी ने पूरी तरह से एन०डी०ए० उम्मीदवार को समर्थन दिया था। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही हमलोगों ने पार्टी की मीटिंग की। सुशील कुमार मोदी को उनकी पार्टी ने कुछ नहीं बनाया तो वे इस तरह की बात बोल रहे हैं। वे इतना मेरे खिलाफ बोलते रहें कि उनको जगह मिल जाए। उनलोगों के विषय में हमलोगों को कुछ भी नहीं कहना है।
2020 विधानसभा चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। हमारी पार्टी के लोग उनके उम्मीदवारों को जिताने में लगे थे और वो लोग हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में लगे थे। हमारी पार्टी के लोगों की उनके साथ रहने की इच्छा नहीं थी। उनसे हमलोग अलग हो गए और हम फिर से इनके साथ आ गए हैं, मिलकर काम करेंगे।