NEWSPR DESK- स्वतंत्रता दिवस समारोह 2022 को संबोधित करते हुए मुख्यमत्री ने कहा कि 76वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूँ। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूँ
जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के थल, जल और नभ की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं। आज के इस अवसर पर, मैं उन सभी खिलाड़ियों को भी बधाई देता हूँ जिन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में पदक जीतकर देश की शान को बढ़ाया है, हम उनका अभिनंदन करते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्रनिर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मानसून की बेरूखी के कारण सूखे की स्थिति हुई है| जुलाई माह में पूरे राज्य में औसत वर्षापात से 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई जिसके कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई और जिससे फसलों की रोपनी समय पर नहीं हो सकी। 1 जून से 14 अगस्त तक औसत वर्षापात में 39 प्रतिशत की कमी हुई है जिससे धान रोपनी 80 प्रतिशत ही हो पायी है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को बिचड़ा एवं फसलों की सिंचाई हेतु डीजल अनुदान 60 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 75 रुपये प्रति लीटर दिया जा रहा है। डीजल अनुदान के लिए अभी तक लगभग 1 लाख 2 हजार आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसमें से 48 हजार 506 आवेदनों का सत्यापन हो गया है तथा 11 हजार 243 किसानों को डीजल अनुदान दिया जा चुका है, आगे सभी इच्छुक लोगों को इसका भुगतान किया जायेगा।
अच्छी खासी संख्या में किसानों के द्वारा डेडीकेटेड कृषि फीडर के तहत उपलब्घ विद्युत कनेक्शन से सिंचाई की जा रही है। कृषि कार्यों के लिए बिजली दर को पहले ही घटाकर 65 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है जिससे बिजली से सिंचाई करना लगभग 20 गुणा सस्ता पड़ता है। कृषि के लिए प्रतिदिन 16 घंटे बिजली की निर्वाध आपूर्ति की जा रही है। कृषि कार्य से जुड़े ट्रान्सफार्मर यदि खराब होते हैं तो उन्हें तत्काल बदला जा रहा है। जो किसान धान की रोपनी नहीं कर पायेंगे उनके लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत कम अवधि की फसलें जैसे मक्का, कुल्थी, उड़द, तोरिया, मटर, भिण्डी आदि के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी की जा चुकी है, ताकि किसानों की कुछ न कुछ आमदनी जरूर हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा शुरू से ही संकल्प है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। यहाँ हर आपदा पीड़ित को सहायता दी जाती है, चाहे सुखाड़ हो या बाढ़ हो। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए विद्यालयों में कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसमें बच्चों को भूकम्प से बचने के लिए मॉक ड्रील तथा अन्य माध्यम से आपदाओं से निबटने के विषय में बताया जा रहा है। बड़ी संख्या में बच्चों के डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुये बच्चों को तैरना सिखाया जा रहा है। साथ ही दिव्यांग बच्चों को आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कोरोना महामारी पूरा विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित रहा है। हमारा देश तो मार्च, 2020 से कोराना का सामना कर रहा है। इस वर्ष की शुरूआत से ही कोरोना के मामले बीच-बीच में घटते-बढ़ते रहे हैं। अभी भी कोरोना के 798 एक्टिव मामले हैं। कोरोना की जाँच एवं ईलाज की ठोस व्यवस्था की गयी है| प्रारंभ से ही कोरोना जाँच पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। अभी भी प्रतिदिन लगभग 1 लाख जाँच की जा रही है। हर जिले में आर0टी0पी0सी0आर0 जाँच की व्यवस्था कर दी गयी है। 14 अगस्त तक बिहार में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 7 लाख 39 हजार से अधिक जांच हुई है जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 6 लाख 38 हजार है। मार्च, 2021 से ही कोविड-19 टीकाकरण का कार्य तेजी से जारी है। इसमें प्रथम खुराक, द्वितीय खुराक एवं प्रिकौश्नरी डोज को मिलाकर 14 करोड़ 75 लाख से अधिक कोरोना के टीके दिये जा चुके हैं।
कोरोना के दौरान लोगों को मदद- संकट की घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ रही है तथा लोगों को हर संभव सहायता एवं सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मृतक के आश्रितों को शुरू से ही 4 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार के निर्णय के उपरान्त 50 हजार रूपये की अतिरिक्त मदद भी दी जा रही है। अब तक कुल 12 हजार 996 मृतकों के आश्रितों को 584.82 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित है। हमारा उद्देश्य है कि जो लोग क्राइम करते हैं, उन पर पुलिस अपना काम करे और कोई भी अपराधी बच न पाये। इसलिए हर थाने के कार्य को दो हिस्सों में बांटा गया| एक हिस्से में केसों का अनुसंधान तथा दूसरे हिस्से में विधि-व्यवस्था को रखा गया है| इसके लिए पुलिस कर्मियों एवं पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है, ताकि ठीक ढंग से कार्रवाई हो सके। पुलिस बल की संख्या में बढ़ोतरी की गयी है। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। हाल ही में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डायल 112 की इमरजेंसी सेवा प्रारंभ की गयी है। इसके तहत अपराध की घटना, आगजनी, वाहन दुर्घटना, मेडिकल इमरजेंसी आदि की सूचना पटना स्थित कॉल सेंटर में आने पर तत्काल पुलिस सहायता एवं आवश्यकतानुसार फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस की सहायता भी पहुँचायी जाती है। राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम है। शुरू से ही साम्प्रदायिक घटनाओं में लगातार कमी आयी है। साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं के प्रकाश में आने पर पुलिस एवं प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2006 से ही कब्रिस्तान की घेराबंदी शुरू की गयी है जिसमें राज्य के मिली-जुली आबादीवाले इलाके में अवस्थित एवं संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा रही है। अब तक चिन्ह्ति 9 हजार 452 में से 7 हजार 200 कब्रिस्तानों की घेराबंदी कर ली गयी है और यह काम लगातार जारी है। वर्ष 2016 से बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना शुरू की गयी है, क्योंकि मंदिरों में यदा-कदा मूर्ति चोरी आदि की घटनाएं हो जाती है। इसके अंतर्गत 60 वर्ष से पुराने धार्मिक न्यास पर्षद् में निबंधित मंदिरों की घेराबंदी की जा रही है, इसमें अब तक 295 मंदिरों की चहारदीवारी की जा चुकी है। आगे चलकर आवश्यकतानुसार 60 वर्ष से कम पुराने मंदिरों की चहारदिवारी के काम को आगे बढ़ाया जायेगा। सात निश्चय-2 के तहत सभी शहरों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम निर्माण का निर्णय लिया गया है इसमें परम्परागत शवदाह गृहों को ठीक कराकर लोगों को दाह-संस्कार एवं बैठने आदि की सुविधायें उपलब्ध कराते हुए मोक्षधाम के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यहाँ पर विद्युत शवदाह गृह की भी व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार कानून लागू है। इसके तहत नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाएँ एक नियत समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही हैं। 15 अगस्त, 2011 से लागू इस अधिनियम के तहत अब तक 31 करोड़ 65 लाख से अधिक सेवाएँ प्रदान की जा चुकी हैं। शुरू में 9 विभागों की 53 सेवाएँ थी, अब 14 विभागों की 153 सेवाएँ इसमें आ गई है। इसमें से 73 प्रतिशत मामले केवल जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र के होते है। अब इन लोक सेवाओं को प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन सुविधा दी गयी है जिसमें 90 प्रतिशत लोग ऑनलाईन सुविधा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत लोगों के शिकायतों का नियत समय-सीमा में निवारण किया जा रहा है। यह अधिनियम 5 जून, 2016 से लागू है। इसके तहत अब तक प्राप्त कुल 12 लाख 18 हजार 75 आवेदनों में से 11 लाख 80 हजार 672 आवेदनों का निष्पादन किया जा चुका है। यह निरंतर चलता रहता है। ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम‘‘ को पुनः शुरू किया गया है। हमने सोचा कि लोक शिकायत निवारण के तहत शिकायतों की निराकरण की क्या स्थिति है, लोगों का इसका लाभ मिल रहा है या नहीं। राज्य में सड़कों तथा पुल-पुलियों एवं भवनों का निर्माण राज्य में सड़कों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर, राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुँचने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब इस लक्ष्य को 5 घंटे किया गया है और इस पर आवश्यकतानुसार तेजी से कार्य जारी है। पटना में सुगम यातायात के लिए फ्लाई ओवर एवं ऐलिवेटेड रोड का जाल बिछाया गया है। अन्य जिलों में भी आरओबी एवं फ्लाई ओवर का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में दीघा से दीदारगंज तक जे०पी० गंगा पथ का निर्माण किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ 11 अक्टूबर, 2013 को किया गया था। 24 जून, 2022 से जे०पी० गंगा पथ के दीघा से पीएमसीएच तक के भाग को लोगों के लिए शुरू किया गया है, इसे लेकर लोग बहुत उत्साहित हैं और हजारों की संख्या में लोग गंगा पथ को देखने जा रहे हैं। दीघा से दीदारगंज तक सम्पूर्ण परियोजना का कार्य फरवरी, 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। आगे जे० पी० गंगा पथ को पश्चिम में दानापुर से आगे शेरपुर तक ले जाने की योजना है जहाँ पर गंगा नदी पर निर्मित होने वाले शेरपुर -दीघवारा 6-लेन पुल से भी सम्पर्कता हो जायेगी। पूरब में गंगा पथ को गंगा नदी पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर 6-लेन पुल से भी जोड़ा जायेगा। भविष्य में गंगा पथ को पूरब की ओर बख्तियारपुर-ताजपुर पुल तथा पश्चिम की ओर आरा-छपरा पुल से भी मिला दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों, पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों के मेंटेनेंस का कार्य विभागीय स्तर पर करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सभी संबंधित विभाग तैयारी कर रहे हैं। विभागीय तौर पर अब मेंटेनेंस के लिए इंजीनियर एवं अन्य कर्मियों की बहाली भी होगी। राज्य में ऐसे भवनों का निर्माण किया है जिनका भवन निर्माण और वास्तुकला की दृष्टि से विशेष महत्व है। पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र बनाया गया जिसमें ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार का निर्माण कराया गया तथा परिसर में सम्राट अशोक की सांकेतिक प्रतिमा लगायी है| पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया है। पटना म्यूजियम का भी विस्तार किया जा रहा है। दोनों म्यूजियम को भूमिगत मार्ग से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। सरदार पटेल भवन का निर्माण कराया गया है। यह भूकम्परोधी भवन है, जो 9 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकम्प के झटके को सह सकता है। राज्य का गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय एवं आपदा प्रबंधन विभाग इसी भवन में कार्यरत है। सर्वप्रथम पटना से बाहर वर्ष 2012 में राजगीर इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया। उसके बाद वर्ष 2018 में बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण शुरू किया गया जिसका उद्घाटन 16 अप्रैल, 2022 को किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1917 में हुए चम्पारण सत्याग्रह एवं बापू के बिहार आने की स्मृति में मोतिहारी तथा बेतिया में 2000 क्षमता के चम्पारण सभागार का निर्माण पूरा हो चुका है तथा मुजफ्फरपुर में सभागार का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है उनमें वैशाली में बुद्ध सम्यक् दर्शन संग्रहालय एवं बुद्ध स्मृति स्तूप बनाया जा रहा है। इसमें भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष रखे जायेंगे। ये अस्थि अवशेष वैशाली के पास मड स्तूप से खुदाई कर निकाले गये थे, जो वर्तमान में पटना म्यूजियम में सुरक्षित रखे गये हैं। बच्चों को साईंस के बारे में नई-नई जानकारी देने के लिए पटना में आधुनिक साईंस सिटी का निर्माण कराया जा रहा है, इसका नामकरण ए०पी०जे० अब्दुल कलाम साइंस सिटी किया गया है। चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की स्मृति में पटना में बापू टावर का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन एवं विचारों को प्रदर्शित किया जायेगा ताकि आने वाली पीढ़ी बापू के विचारों को पूरी तौर पर जानते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की। अब तक पंचायतों में चौथा चुनाव हो चुका है तथा नगर निकायों में चौथे चुनाव की तैयारी चल रही है। वर्ष 2007 से प्राथमिक शिक्षक नियोजन में 50% आरक्षण दिया गया। वर्ष 2013 में पुलिस में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण का प्रावधान किया। आज बिहार पुलिस में महिलाओं की कुल संख्या 25 हजार 102 है, इस प्रकार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी पूरे देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण दिया जा रहा है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह काफी कम हुआ करते थे। हमने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामाकरण हमने ‘‘जीविका‘‘ किया। जीविका के अंतर्गत अब तक 10 लाख 31 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 1 करोड़ 27 लाख से भी अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है। इससे महिलाओं में जागृति आ रही है और ये स्वावलंबी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा से जनसंख्या के स्थिरीकरण से बिलकुल सीधा संबंध है। वर्ष 2013 में मानव विकास मिशन के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुझे बताया गया कि यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश एवं राज्य में उनकी प्रजनन दर 2 है, यदि पत्नी इंटर पास है तो देश में प्रजनन दर 1.7, जबकि बिहार में यह 1.6 है| इससे यूरेका की भावना आयी और राज्य के प्रत्येक पंचायत में 10+2 स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया। अब अधिकतर पंचायतों में 10+2 स्कूल स्थापित हो गये हैं, जहाँ पर 10+2 स्कूल स्थापित करने की भूमि नहीं है वहाँ मिडिल स्कूलां में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी। आगे इन्हीं स्कूलों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं का संचालन शुरू किया गया है। इसके लिए 2 हजार 768 स्कूलों में नये विद्यालय भवन एवं 3 हजार 530 विद्यालयों में अतिरिक्त क्लास रूम आदि के निर्माण हेतु कुल 7 हजार 530 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गयी है। वर्ष 2005 में बिहार की कुल प्रजनन दर 4.3 थी जो हमारे बालिका शिक्षा के लिए किये गये प्रयासों से घटकर अब 3 पहुँच गयी है। यही प्रयास जारी रहेंगे तो आनेवाले कुछ वर्षों में बिहार की प्रजनन दर 2 के आस-पास पहुँच जायेगी। हम चाहते हैं कि सभी लड़़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करे। इसके लिए अनुमंडल स्तर पर कॉलेज की स्थापना की गयी है, अब इसे और आगे बढ़ाने के कदम उठाये जायेंगे। पहले इंटर पास करने पर अविवाहित महिलाओं को 10 हजार तथा ग्रेजुएट पास होने पर सभी महिलाओं को 25 हजार देते थे अब इन्टर पास करने पर महिलाओं को 25 हजार रूपये तथा ग्रेजुएट पास होने पर 50 हजार रूपये देने की योजना शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि शुरू से ही वंचित वर्गों के लोगों के लिए काम किया तथा इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष योजनाएं चलाई गयी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना चलायी जा रही है इसमें बिहार लोक सेवा आयोग एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु क्रमशः 50 हजार रूपये एवं एक लाख रूपये प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। अबतक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग में 3 हजार 118 एवं संघ लोक सेवा आयोग में 92 तथा अति पिछड़े वर्ग के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग में 4 हजार 301 एवं संघ लोक सेवा आयोग में 113 ने योजना का लाभ लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा कमजोर वर्गों के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु यह योजना लागू की गयी है। इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत के लिए 7 योग्य वाहनों की खरीद के लिए अधिकतम 1 लाख रूपये का अनुदान दिया जा रहा है। इन 7 वाहनों में 4 वाहन अनुसूचित जाति/जनजाति तथा 3 वाहन अति पिछड़ा वर्ग के लाभुकों के लिए होते हैं। अब तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 22 हजार 887 एवं अति पिछड़ा वर्ग के 16 हजार 547 युवाओं ने इस योजना का लाभ लिया है। 10+2 आवासीय विद्यालयों का निर्माण अनु० जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए 87 आवासीय विद्यालय संचालित हैं। वैसे प्रखंड जहाँ अनुसूचित जाति की आबादी 50 हजार से अधिक है, ऐसे 40 प्रखंडों में 10+2 आवासीय विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है जिस पर 1870 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा जिनका निर्माण अगले चार वर्षों में पूर्ण कर लिया जायेगा। हर जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग $2 कन्या आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है जिसमें 18 जिलों में निर्माण कार्य जारी है, शेष 20 में निर्माण कार्य अगले 2 वर्षां में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 111 छात्रावास संचालित है तथा 19 छात्रावासों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। जिन प्रखंडों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की आबादी 30 हजार से अधिक है वैसे 136 प्रखंडों में 100 क्षमता वाले छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी है जिस पर 667 करोड़ रुपये की लागत आयेगी जिसे अगले 4 वर्षों में पूर्ण कर लिया जायेगा। हर जिले में ‘‘अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास‘‘ संचालित करने का लक्ष्य है। वर्तमान में 25 जिलों में अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास अवस्थित हैं, 9 जिलों में कार्य शुरू किया गया है तथा शेष 4 जिलों में छात्रावास का निर्माण 1 वर्ष में कर लिया जायेगा। वर्ष 2008-09 में अति पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए सभी जिलों में 100 बेड्स वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास बनाने का निर्णय लिया गया, अबतक 32 जिलों में छात्रावास का भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, 6 जिलों में निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए परित्यक्ता सहायता योजना को 10 हजार रुपये से शुरूआत की जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया है। इस योजना के तहत अब तक 13 हजार 876 महिलाओं को सहायता मिली है। मदरसों में शैक्षणिक सुधार हेतु मूलभूत सुविधाएँ एवं आधारभूत संरचना के विकास हेतु मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना लागू की गई है। मदरसा के शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों के वेतन को बढ़ाकर अन्य स्कूलों के तर्ज पर किया है। सुन्नी एवं सिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बहुद्देशीय भवन, मुसाफिरखाना, विवाह भवन, व्यवसायिक भवन, दुकान, मार्केट कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। पटना में सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन पर पुराने अंजुमन इस्लामिया हॉल को नये सिरे से भव्य ईमारत के रूप में बनाया गया है। इसी प्रकार पटना सिटी में सिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर भवन बनाया जा रहा है। हर जिला मुख्यालय में वक्फ की भूमि पर 10+2 स्तर के विद्यार्थियों के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय निर्माण हेतु योजना की स्वीकिृत दी जा चुकी है। दरभंगा आवासीय विद्यालय निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है तथा किशनगंज, पूर्णिया एवं मधुबनी जिलों में निर्माण की स्वीकृत दी गयी है। आगे दोनों वक्फ बोर्ड को आवासीय विद्यालय के लिए स्थल का चयन कर सूचित करने को कहा गया है। अगस्त, 2020 में पटना के मीठापुर में मौलाना मज़हरूल हक़ अरबी एवं फ़ारसी विश्वविद्यालय का भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है। अब यहाँ से विश्वविद्यालय पूरी तरह संचालित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान के तहत शराबबंदी, दहेज प्रथा एवं बाल-विवाह उन्मूलन अभियान चल रहा है। इसके लिए एक कागज बनाया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार शराब के दुष्परिणामों, शराबबंदी पर बापू के विचारों, दहेज प्रथा एवं बाल-विवाह उन्मूलन के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस कागज को हर घर तक पहुँचाया जा रहा है, ताकि लोग इसके दुष्परिणामों से पूरी तरह अवगत हो सकें एवं इसका पालन करें। उन्होंने कहा कि विकसित बिहार के 7 निश्चय- सात निश्चय-1 के काम पूरे किये गये। पिछले कार्यकाल में बिहार के विकास के लिए सात निश्चय के तहत कार्यक्रम लागू किये गये। हर घर तक बिजली पहुँचा दी गई है। हर घर तक नल का जल, हर घर तक पक्की गली और नाली का काम भी काफी हद तक पूरा हो चुका है। शौचालय निर्माण का कार्य भी पूरा ही हो गया है। टोलों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ने का काम भी ज्यादातर पूरा हो चुका है। कुछ क्षेत्रों में जो भी काम बचे हैं उन पर संबंधित विभागों द्वारा तेजी से काम हो रहा है। अब 7 निश्चय के अंतर्गत हर घर नल का जल तथा हर घर तक पक्की गली-नालियां के मेंटनेंस की व्यवस्था की जा रही है। आर्थिक हल, युवाओं को बल के तहत स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड, स्वंय सहायता भत्ता एवं कुशल युवा कार्यक्रम का लाभ युवाओं को मिल रहा है तथा यह आगे भी जारी रहेगा। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत युवाओं को बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान, व्यवहार कौशल एवं संवाद कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। सात निश्चय- 2 के तहत कई योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है तथा अन्य की कार्य योजना तैयार की जा रही है। सभी गाँवों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, शीघ्र ही पंचायत स्तर पर गाँवों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने का काम शुरू किया जायेगा। सबके लिये अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा‘‘ की व्यवस्था की गयी है| गाँवों में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को बेहतर बनाकर टेलीमेडिसिन से लोगों को चिकित्सीय परामर्श दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों का निःशुल्क उपचार हेतु ’’बाल हृदय योजना’’ लागू की गयी है जिसके अंतर्गत अब तक 443 बच्चों का प्रशान्ति फाउंडेशन के सहायोग से गुजरात प्रान्त के अहमदाबाद शहर में अवस्थित सत्यसाईं अस्पताल में ईलाज हो चुका है। पशुओं के लिए प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर एक पशु अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है। मोबाईल यूनिट के माध्यम से पशु चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों के द्वारा घरों में पहुँचकर पशु चिकित्सा एवं अन्य सेवायें निःशुल्क दी जायेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है- इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है। जल संसाधन, लघु जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कृषि, ऊर्जा एवं पंचायती राज विभागों द्वारा सर्वेक्षण कर योजनायें बनायी गयी है और कई स्थानों पर क्रियान्वयन शुरू हो गया है। सात निश्चय-2 के तहत युवाओं को नौकरी एवं रोजगार सृजन का पूरा प्रयास किया जायेगा। सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों पर तेजी से बहाली की जा रही है। हमारी इच्छा है कि युवाओं को नौकरी एवं रोजगार के अवसर मिले, इसके लिए आने वाले वर्षों में 20 लाख से भी ज्यादा युवाओं को नौकरी एवं रोजगार के अवसर सृजित करने की पूरी कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘जल-जीवन-हरियाली अभियान‘‘ के सभी 11 अवयवों पर काम चल रहा है| हमें जल की रक्षा एवं हरियाली की रक्षा करनी होगी तभी जीवन की रक्षा हो सकेगी चाहे वो मनुष्य हो, पशु-पक्षी हो या जीव-जन्तु। जल संरक्षण के लिए पूरी तौर पर काम चल रहा है। राज्य में पौधारोपण एवं हरित आवरण बढ़ाने पर हमारा शुरू से जोर है| इसके लिए वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्ष 2018-19 तक 22 करोड़ पौधे लगाये गये। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 7 करोड़ 35 लाख से अधिक पौधारोपण किया गया है। बिहार विभाजन के उपरान्त राज्य में हरित आवरण मात्र 9% रह गया था, अब वह लगभग 15% हो गया है। हम चाहते हैं कि हरित आवरण कम-से-कम 17% हो, जितना संभव हो सकेगा उतना हरित आवरण बढ़ाया जायेगा, लेकिन अधिक आबादी एवं कम क्षेत्रफल के कारण हरित आवरण को और बढ़ाना बहुत कठिन होगा। वर्ष 2019 में मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम शुरू किया गया था, अब सभी 38 जिलों में संचालित है। इसके तहत कृषि विज्ञान केन्द्रों पर मौसम के अनुकूल नई कृषि तकनीकों एवं फसल चक्र का प्रदर्शन किया जा रहा है तथा किसानों को इन कृषि तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। प्रतिवर्ष डेढ़ लाख किसानों को प्रशिक्षण एवं स्थल भ्रमण कराया जाता है। सौर ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है, अब तक 2 हजार 135 सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा अधिष्ठापित की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करा रही है। राज्य स्तर पर इसकी जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला स्तर पर जिला पदाधिकारियों को दी गयी है। इस कार्य में विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कर्मियों की सेवायें ली जायेगी। इसकी पूरी तैयारी की जा रही है। जाति आधारित गणना के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा तथा इसके आधार पर सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए काम किया जायेगा। तभी सही मायने में ‘‘न्याय के साथ विकास‘‘ का सपना साकार हो सकेगा। सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। हम उसी ऊँचाई को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। आइये, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर एक खुशहाल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर एक बार पुनः सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएँ देता हूँ।