NEWSPR डेस्क। केन्द्र सरकार ने खाद्य तेल निर्माताओं/पैकर्स/आयातकों को अपने उत्पाद, खाद्य तेल आदि का वजन घोषित करने के अलावा तापमान के बिना उसकी शुद्ध मात्रा घोषित करने की सलाह दी है। उपभोक्ता मामले विभाग ने उन्हें उत्पाद के वजन के साथ तापमान का उल्लेख किए बिना शुद्ध मात्रा घोषित करने की अपनी लेबलिंग में सुधार करने की सलाह दी है।
यह कार्य इस निर्देश के जारी होने के तारीख से छह महीने के भीतर यानी 15 जनवरी 2023 तक किया जाना है। लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 के तहत उपभोक्ताओं के हित में सभी प्री-पैकेज्ड उत्पादों पर अन्य घोषणाओं के अलावा वजन या माप की मानक इकाइयों के संदर्भ में शुद्ध मात्रा की घोषणा करना अनिवार्य है। नियमावली के प्रावधानों के अनुसार खाद्य तेल, वनस्पति घी आदि की शुद्ध मात्रा को या तो वजन या मात्रा में घोषित किया जाना चाहिए और यदि इसे मात्रा में घोषित किया जाता है।
तो अनिवार्य रूप से वस्तु का वजन घोषित किया जाना चाहिए। यह देखा गया है कि उद्योग लगातार मात्रा में शुद्ध मात्रा की घोषणा करते हुए तापमान का उल्लेख कर रहे हैं। विनिर्माता/पैकर/आयातक खाद्य तेल की इकाइयों के साथ पैकिंग के समय तापमान का उल्लेख करते हुए खाद्य तेल की शुद्ध मात्रा की घोषणा कर रहे हैं। कुछ निर्माता तापमान को 600C तक बढ़ा रहे हैं। यह देखा गया है कि जब पैकेजिंग में उच्च तापमान का उल्लेख होता है। तब खाद्य तेल, वनस्पति घी आदि की शुद्ध मात्रा की इस तरह की घोषणा को आयतन के संदर्भ में मात्रा के साथ अलग-अलग तापमानों पर (उदाहरण के लिए 1 लीटर) स्थिर रखा जाता है। सोयाबीन खाद्य तेल का वजन अलग-अलग तापमान पर अलग-अलग हो सकता है
इसलिए अलग-अलग तापमान पर खाद्य तेल का वजन अलग-अलग होता है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि खरीद के समय उपभोक्ता को पैकेज में सही मात्रा मिले खाद्य तेल के निर्माता / पैकर / आयातक आदि को तापमान का उल्लेख किए बिना उक्त उत्पादों को पैक करने की सलाह दी गई है और इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि मात्रा और द्रव्यमान में पैकेज पर घोषित मात्रा सही हो।