NEWSPR डेस्क। भागलपुर में खतरे के निशान पर बहती गंगा के बीच नाव पर सवार होकर करीब सैकड़ों बच्चे और शिक्षक व शिक्षिकाएं पढ़ाई करने व कराने विद्यालय आते जाते हैं। बच्चे जब बाढ़ के पानी से उफनती गंगा के बीच से गुजरते हैं तो उनको डर भी नहीं लगता। पूछने पर कहते हैं कि डर के आगे जीत है। बता दें कि यह विद्यालय भागलपुर के सबौर अंतर्गत संतनगर का है।
इस विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय संतनगर के अलावा प्राथमिक विद्यालय लालूचक दियारा दोनों एक साथ चलते हैं। बच्चों को विद्यालय तक लाने और ले जाने की कवायत शिक्षक व प्रभारी को करना पड़ता है। वहीं शिक्षक संजय कुमार और प्रभारी कुमारी प्रियंका ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के चलते विद्यालय आने जाने में परेशानी हो रही है लेकिन बच्चों का हौसला देखकर हमलोग काफी खुश हैं।
वहीं शिक्षकों ने यह भी बताया कि नाव से विद्यालय तक आते और जाते हैं। जिन्हें हमलोगों के संरक्षण में लाया और ले जाया जाता है। इस पर सरकार पहले से कुछ तैयारी करें। तो शायद इतनी परेशानियों का सामना बच्चों को नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि यह हर साल की बात है। ना कि बस इसी साल की बात है। गंगा का जलस्तर जैसे ही बढ़ता है। विद्यालय के बच्चों को नाव का ही सहारा लेना पड़ता है।
बारिश में भी मौसम जब अपने तेवर को बदलते हैं और गंगा में उफान आता है। तो बच्चों को और शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना कर विद्यालय जाना और आना पड़ता है। जिसके चलते बच्चों के पढ़ाई पर भी काफी खासा असर पड़ता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इन बच्चों और शिक्षक शिक्षिकाओं को कहां तक सहायता मिल पाती है। इस तरह उफनती गंगा में बच्चों को विद्यालय तक नाव से जाने आने के क्रम में कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
रिपोर्ट-श्यामानंद सिंह भागलपुर