NEWSPR डेस्क। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के कांकरिया में छठी अखिल भारतीय प्रिजन ड्यूटी मीट का उद्घाटन किया। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) द्वारा आयोजित तीन दिन की प्रिजन मीट के उद्घाटन समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय गृह सचिव और BPR&D के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस महत्वपूर्ण प्रिजन मीट से न केवल सकारात्मक रूप से खेल भावना को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यहाँ तीन दिन के प्रवास के दौरान प्रतिभागियों के बीच संवाद और सफल अनुभवों के आदान-प्रदान से जेल प्रशासन को भी फ़ायदा होगा। अमित शाह ने कहा कि गुजरात में दूसरी बार इस मीट का आयोजन किया जा रहा है और यह बहुत संयोग की बात है कि गुजरात में जब पहली प्रिज़न मीट हुई थी तब नरेन्द्र मोदी जी राज्य के मुख्यमंत्री थे और वे गृह मंत्री थे और आज मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं और वे गृह मंत्री हैं। इसलिए यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि दोनों मीट में वे खिलाड़ियों के स्वागत के लिए उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कहा कि BPR&D देश की आतंरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा से जुड़े अनेक विषयों और पहलुओं पर देशभर में एक साझा और समान कार्यक्रम बनाने का काम करती है। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन भी देश की आंतरिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है और हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते। समाज में जेल को जिस दृष्टि से देखा जाता है उसे भी बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अगर दण्ड नहीं होगा तो भय नहीं होगा।
भय नहीं होगा तो अनुशासन नहीं होगा और अनुशासन नहीं होगा तो हम स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं कर सकते। इसलिए दण्ड की प्रक्रिया बहुत ज़रूरी है परंतु जेल प्रशासन की भी यह ज़िम्मेदारी है कि अगर कोई स्वभावगत और आदतन क्रिमिनल नहीं हैं। तो वह ऐसे सभी क़ैदियों को समाज में पुनः प्रस्थापित करने माध्यम बने। अमित शाह ने कहा कि सजा मिलने वालों में से 90% कैदी ऐसे होते हैं। जिनका समाज में पुनर्वसन बहुत महत्वपूर्ण है, न केवल मानवीय दृष्टि बल्कि कानून और व्यवस्था की दृष्टि से भी यह बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होने कहा कि इस मीट के अंदर अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं होने वाली है जिनसे कारागार प्रशासन के कर्मचारियों और अधिकारियों में पुनर्वसन की प्रक्रिया के लिए संवेदना की निर्मिती होगी। अमित शाह ने कहा कि प्रिजन मैनुअल के बाद सरकार अब मॉडल जेल एक्ट भी लाने वाली है जिससे अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे एक्ट में समयानुकूल जरूरी परिवर्तन होगा।