भारत के परमवीर सपूत कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती, जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी श्रद्धांजलि

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। कैप्टन विक्रम बत्रा की आज जयंती है। उनका जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर में हुआ था। उनकी जयंती पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उनको नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। कैप्टन विक्रम बत्रा जिन्हें उनके पराक्रम और शौर्य के लिए मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से नवाजा गया।

कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म जन्म 9 सितंबर , 1974 को पालमपुर , हिमांचल प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम जी. एल. बत्रा और माता का नाम कमलकांता बत्रा था दिसंबर 1997 में शिक्षा समाप्त होने पर उन्हें 6 दिसंबर 1997 को जम्मू के सोपोर नामक स्थान पर सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली।

उन्होंने 1999 में कमांडो ट्रेनिंग के साथ कई प्रशिक्षण भी लिए। 1 जून 1999 को उनकी टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया बेहद दुर्गम क्षेत्र होने के बावजूद विक्रम बत्रा ने अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 को सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर इस चोटी को अपने कब्जे में ले लिया। शेरशाह के नाम से प्रसिद्ध विक्रम बत्रा ने जब इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय उद्घोष ‘यह दिल मांगे मोर’ कहा तो सेना ही नहीं बल्कि पूरे भारत में उनका नाम छा गया।

इसी दौरान विक्रम के कोड नाम शेरशाह के साथ ही उन्हें ‘कारगिल का शेर’ की भी संज्ञा दे दी गई। अगले दिन चोटी 5140 में भारतीय झंडे के साथ विक्रम बत्रा और उनकी टीम का फोटो मीडिया में आया तो हर कोई उनका दीवाना हो उठा। इसके बाद सेना ने चोटी 4875 को भी कब्जे में लेने का अभियान शुरू कर दिया।

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