NEWSPR डेस्क। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि अब राजपथ पर नहीं, पीएम मोदी के ‘कर्तव्य पथ’ पर चलेगा नया भारत। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया पीएम नई योजना के तहत पूरे भारत में 14,500 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है। इस योजना से 18 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।
इसके पांच वर्ष के लिए कुल परियोजना लागत 27,360 करोड़ रुपये, जिसमें 18,128 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार खर्च करेगी। नया भारत की प्रगति में आई तेजी को पछाड़कर भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। यह नये भारत की शानदार उपलब्धि है। दूसरी ओर ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत बन गया है।
कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है, ये भारत के लोकतान्त्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का पीएम मोदी के लिए जीवंत मार्ग है। अब एक देश-एक राशन कार्ड योजना से देशभर में 79.35 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न की पहुंच सुनिश्चित कर रही है मोदी सरकार। 5,40,984 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 19.58 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
अरविन्द ने कहा कि मोदी सरकार के पहले उर्वरक संयंत्रों पर ताला जड़ा था। मोदी सरकार ने 2015 में यूरिया नीति घोषित कर इसकी सूरत बदल दी है। बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को फिर से खोलने के लिए नये सिरे से फोकस किया है। जिससे बिहार का बरौनी संयंत्र पुनः चालू हो रहा है। भारत उर्वरक के मामले में 2025 तक आत्मनिर्भर होगा।
वहीं दूसरी ओर आत्मनिर्भर भारत के विकास का इंजन बन रहा है भारतीय रेल। रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में लोकोमोटिव, रेल एक्सल और व्हीलसेट के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हासिल की है। और भारतीय रेलवे में लगातार बढ़ रहे डिजिटलीकरण से डिजिटल इंडिया का सपना साकार हो रहा है। एक वर्ष में 41 करोड़ से अधिक ई-टिकट बुक हुए हैं। आज देश की आजादी के बाद भारत में अंग्रेजी शासन का प्रतीक दिल्ली में राजपथ का नाम कर्त्तव्य पथ किया जाना, बदल रहे नये भारत का परिचायक के साथ सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण का प्रेरणादायी उदाहरण है।
दूसरा उदाहरण बिहार में है जो “इक हिना पत्थर होता है” जितना रगड़ेंगे उतना ही रंग बदलता है। उसी प्रकार हमारे बिहार के मा मुख्यमंत्री महोदय जी है। इनसे बिहार के जनता को विश्वास की उम्मीद लगाना अपने पैरों में कुल्हाड़ी मारने जैसा है।