NEWSPR- बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव बड़ी मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. CBI ने तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगायी है. कोर्ट ने अगर CBI की अर्जी मंजूर कर ली तो तेजस्वी प्रसाद यादव को जेल जाना पड़ सकता है.
CBI की अर्जी के बाद सीबीआई की स्पेशल जज गीतांजली गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने तेजस्वी से जवाब मांगा है कि क्यों नहीं उनकी जमानत रद्द कर दी जाये।
बता दें, साल 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था. उन्होंने इनकी देखभाल करने के लिए टेंडर भी जारी किए गए थे. इस दौरान पता चला कि टेंडर देने में गड़बड़ियां हुई हैं.
जांच में पाया गया कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के पुरी और रांची स्थित दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को दिया था. इसके वितरण में नियमों को पूरी तरह ताक पर रख दिया गया था. इस आवंटन के एवज में लालू प्रसाद यादव को पटना में करोड़ों की जमीन एक शेल कंपनी डिलाइट मार्केटिंग द्वारा ट्रांसफर की गई थी. इस कंपनी को अब लारा प्राइवेट कंपनी के नाम से जाना जाता है.