NEWSPR डेस्क। पटना में भाजपा और जदयू पार्टियां एक दूसरे को जवाब देने के लिए मैदान में दो-दो हाथ करने की कोई कसर छोड़ना नहीं चाह रही हैं। इसकी शुरुआत भाजपा ने की है जो 23 सितंबर और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में बड़ी रैली है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होने वाले हैं। बिहार में भाजपा का लोकसभा चुनाव को लेकर आगाज इसी रैली से शुरू हो जाएगा और इसके लिए खासतौर से सीमांचल को चुना गया है, जहां से एक बड़ा मैसेज दिया जा सके क्योंकि सीमांचल अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाका है।
भाजपा की सीमांचल में होने वाली रैली पर महागठबंधन हमलावर है और आरोप लगा रहा है कि भाजपा बिहार के माहौल को खराब करने के लिए जान बूझकर सीमांचल में रैली करने की तैयारी कर रहा है। भाजपा के रैली का जवाब देने के लिए महागठबंधन ने भी पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में संयुक्त महागठबंधन की ओर से महारैली यानी बड़ी रैली करने की घोषणा कर दी है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह सीमांचल में रैली कर बिहार के साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी मंशा है कि ध्रुवीकरण हो। ललन सिंह ने ये भी कहा कि महागठबंधन ने तय किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के बाद महागठबंधन की भी रैली होगी। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए हमने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से आग्रह किया था जिसे उन्होंने मान लिया है और और हमने रैली को लेकर फैसला कर लिया है। हमें पूरी उम्मीद है कि महागठबंधन के तमाम सहयोगी इसमें शामिल होंगे।